रादुविवि में नए पाठ्यक्रम की होगी शुरुआत
बांस उत्पादों की मिलेगी तकनीकी जानकारी, आत्मनिर्भर बनेंगे छात्र
इस पाठ्यक्रम में पढ़ाई कराने के लिए फिलहाल बाहर से एक्सपर्ट बुलाए जाएंगे। कुछ राष्ट्रीय स्तर के भी विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ भी पढ़ाई कराएंगे।
50 सीटों के साथ शुरुआत- विवि प्रशासन फिलहाल 50 सीटों के साथ पाठ्यक्रम की शुरुआत कर रहा है। पहले ही चरण में 15 एडमिशन होने से विवि प्रशासन उत्साहित है।
भोपाल में होगी स्पेशल ट्रेनिंग- छात्रों को भोपाल में ट्रेनिंग दी जाएगी। भोपाल प्रौद्योगिकी परिषद में एक बड़ा ट्रेनिंग सेंटर है, जो बांस पर काम करता है। परिषद ने विवि के इस कार्य की सराहना करते हुए नि:शुल्क ट्रेनिंग देने की सहमति दी है। कौशल विकास संस्थान के डॉ. अजय मिश्रा ने बताया कि प्रवेश की दिशा में व्यापक काम चल रहा है।
विश्वविद्यालय से मांगी जमीन- कौशल विकास संस्थान ने विश्वविद्यालय प्रशासन से विज्ञान भवन के समीप जमीन मांगी है, ताकि यहां प्रैक्टिकल के लिए बासों की वैरायटी की एवं उत्पादों की नर्सरी तैयार की जा सके। प्रशासन ने फिलहाल सैद्धांतिक सहमति दी है, लेकिन इस पर निर्णय लेने के लिए कमेटी में रखा जाएगा।
विश्वविद्यालय नवाचार की दिशा में काम कर रहा है। हमने नए पाठ्यक्रम की शुरुआत की है, ताकि छात्रों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
– प्रो. कपिलदेव मिश्र, कुलपति रादुविवि
इस प्रोजेक्ट के लिए पिछले दो साल से हम प्रयास कर रहे थे। इस सत्र से हमने इसकी शुरुआत की है। कई संस्थानों ने मदद का भरोसा दिलाया है।
प्रो. सुरेंद्र सिंह,
– डॉयरेक्टर, कौशल विकास संस्थान
ये विभाग भी करेंगे सहयोग
राष्ट्रीय बम्बू मिशन
मप्र बम्बू मिशन
मप्र भोपाल प्रौद्योगिकी परिषद
फॉरेस्ट रिसर्च सेंटर
स्वयंसेवी संगठन