महिला का कहना है कि, कुछ दिन से उसे सर्दी-खांसी की शिकायत है, जिसकी जांच कराने पर पता चला कि वो कोरोना पॉजिटिव है। सीएचएमओ ने कहा कि छुट्टी के लिए इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR और मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी लैब की रिपोर्ट ही मान्य होती है। बिना मेडिकल बोर्ड के सामने हाजिर हुए महिला प्रोफेसर ने निजी रिपोर्ट पेश की है, जिसकी जांच की जा रही है।
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रिपोर्ट लेकर जब महिला छुट्टी का आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची तो हड़कंप मच गया। जिला निर्वाचन विभाग ने महिला का अवकाश स्वीकृत करते हुए उन्हें घर पर अलग थलग रहने की सलाह दी है। अगर महिला की जांच रिपोर्ट झूठी निकलती है तो निर्वाचन विभाग ऐक्शन लेने की बात कह रहा है। कोरोना पीड़ित होने पर चुनाव ड्यूटी से अनफिट होने का सर्टिफिकेट मेडिकल बोर्ड जारी करता है। फिलहाल, प्रसासन ने कोरोना रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
56 वर्षीय महिला प्रोफेसर की कोरोना रिपोर्ट जबलपुर की एक निजी पैथोलॉजी से जारी हुआ है। महिला कॉलेज प्रोफेसर है। निजी लैब से मिली रिपोर्ट को हर हाल में आईसीएमआर से चेक कराना अनिवार्य है, वहां से आई रिपोर्ट के बाद ही उसे मान्य माना जाता है। जिला निर्वाचन कार्यालय ने 56 वर्षीय महिला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को आईसीएमआर के पास भेजा है। यदि रिपोर्ट गलत पाई जाती है, तो महिला के खिलाफ कार्रवाई होगी।
लोकसभा चुनाव से छुट्टी के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय में 2400 से ज्यादा आवेदन आए हैं। इसमें 600 से अधिक कर्मचारियों को छुट्टी दी जा चुकी है। कोई बीमारी, तो कोई शादी, तो कोई बच्चे की देखरेख का हवाला देकर छुट्टी का आवेदन कर रहा है। हालांकि छुट्टी के लिए किसी कर्मचारी का कोरोना रिपोर्ट लगाना पहली बार सामने आया है। जबलपुर सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा का कहना है कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट ही मान्य होती है। जब तक मेडिकल बोर्ड की ओर से जांच नहीं कर ली जाती तब तक किसी को अनफिट नहीं माना जाता।