रिटर्न में भी गड़बड़ी
ब्यूरो टीम की 19 अक्टूबर से शुरू हुई कार्रवाई सोमवार को पूरी हो गई। डेटा एनालिसिस के आधार पर स्टेट जीएसटी को इनपुट मिला था कि आरएस मार्केटिंग जो रिटर्न जमा कर रही है, वह वास्तविक कारोबार से कम है। फर्म के कार्यालय और गोदाम में दबिश दी गई। जो स्टॉक था उसे जब्त कर लिया गया। फिर उसकी स्क्रूटनी की गई। इसी आधार पर टैक्स और पेनल्टी की राशि निर्धारित की गई।
कम मिला था स्टॉक
फर्म का जितना स्टॉक रिकॉर्ड में दर्ज था, वह कम मिला। इसका मतलब यह है कि पान मसाला और सिगरेट की बिक्री बिना बिल के कर दी गई। इससे शासन को तय जीएसटी नहीं मिल पाया। इस आधार पर टैक्स एवं पेनल्टी की राशि तय की गई। रिटर्न में कारोबार के हिसाब से जानकारी नहीं दिखाई जा रही थी।
गलत ढंग से लिया आइटीसी
आरएस मार्केटिंग की जांच में न केवल रिटर्न में मिसमैच मिला बल्कि गलत ढंग से इनपुट टैक्स क्रेडिट भी लिया जा रहा था। जांच अधिकारियों ने पाया कि यह फर्म की तरफ से दिए जा रहे टैक्स से अधिक है। इससे शासन को नुकसान हुआ। कार्रवाई में राज्य कर अधिकारी अनूप सिंह भदौरिया, आलोक मिश्रा, निरीक्षक कृष्ण कुमार और संदीप घनघोरिया शामिल थे।
इधर, होगी बड़ी वसूली
इधर सेंट्रल जीएसटी की इंदौर सेव भंडार फर्म के खिलाफ चल रही जांच में बड़ी राशि वसूली जा सकती है। सभी 12 आउटलेट्स से जो दस्तावेज बरामद किए गए थे, उनकी जांच की जा रही है। फर्म ने पिछले पांच साल में कितना कारोबार किया। उत्पादन के हिसाब से टैक्स जमा किया गया या नहीं, इसकी जानकारी अधिकारी जुटा रहे हैं। टैक्स और पेनल्टी के रूप में लाखों रुपए की वसूली की जा सकती है। दो दिन में जांच पूरी होने पर राशि की वसूली की जाएगी।
सिगरेट और पान मसाला कारोबारी फर्म आरएस मार्केटिंग के खिलाफ छापे की कार्रवाई की गई। रिटर्न में मिसमैच के साथ गलत ढंग से आइटीसी लेना पाया गया है।
नवीन कुमार धुर्वे, डिप्टी कमिश्नर