कुबेर जी की नियमित रुप से पुजा करने में असर्मथ हंै तो यह उनका अपमान माना जाता है। कुबेर देवता के साथ अगर आप धन की देवी महालक्ष्मी जी की पुजा करते है तो आप को और उत्तम लाभ मिलेगा। आइये जानते है कुबेर जी की पुजा पुरे विधि विधान के साथ कैसे की जाती है।
पुजन विधि
सर्वप्रथम स्नान करके स्वस्च्छ हो जायें उसके पश्चात् पुजा स्थल के सामने अपना स्थान ग्रहण करें। जबभी कोई पुजा की जाती है उस वक्त मुख पुर्व दिशा की तरफ होना चाहिये और पीठ पश्चिम दिशा में। ज्यादातर लोग किसी भी दिशा में खडें हो कर पुजा करना शुरु कर देते है। जिस कारण उन्हे पुजा का उत्तम फल नही मिल पाता है। पुर्व दिशा को देवताओं का निवास स्थल माना गया है।
अब कुबेर जी का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें
मनुज – ब्राह्मा – विमान – स्थितम्,
गरुड़ –रत्न – निधि – नायकम् ।
शिव – सुखं मुकुटादि – विभूषितम्,
वर – गदे दधतं भजे तुन्दिलम् ।।
उसके बाद भगवान कुबेर जी की प्रतिमा व तिजोरी का चावल, हल्दी व रोली का तिलक लगाये।
उसके पश्चात् अपने हाथ में एक फुल लेकर भगवान कुबेर का आहवान करते हुएइस मंत्र का जाप करें।
। आवाहयामि देव। त्वामिहायहि कृपां कुरु ।
। कोशं वर्ध्दय नित्यं त्वं परि – रक्ष सुरेश्र्वर ।।
।। श्री कुबेर – देवं आवाहयमि ।।
उसके पश्चात् उस फुल को अपनी तिजोरी में स्थापित कर दे।
उसके पश्चात् कुबेर जी को प्रसाद अर्पित करे। चीनी कुबेर जी को बहुत प्रिय है।
मंत्र-
पुजा करते वक्त इन निम्म मंत्रों का जाप जरुर करे
।। ओम श्री कुबेराय नम: पादयो पाघं समर्पयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: शिरसि अर्घ्य समर्पयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: गन्धाक्षतं समर्पयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: पुष्पं समर्पयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: धूपं घ्रापयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: दीपं दर्शयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: नैवेघं समर्पयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: आचमनीयं समर्पयामि ।।
।। ओम श्री कुबेराय नम: ताम्बूलं समर्पयामि ।।
पुजा की समाग्री
फूल
गंगाजल
अगरबत्ती
तिजोरी
चीनी
चावल
रोली
हल्दी
लाभ
धन संबंधित सभी प्रकार की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।
ये मंत्र भी हैं अचूक
1. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
2. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
3. ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥