शहर के अधारताल थाना इलाके की रामेश्वर कॉलोनी के पास डिवाडर के पास 4 मार्च को एक युवक का शव बरामद हुआ था। पास ही युवक की एक्टिवा भी पड़ी हुई थी। पहली नजर में देखने पर ऐसा लग रहा था कि युवक की मौत एक्टिवा के डिवाइडर से टकराने के कारण हुई है। युवक की पहचान अभिषेक भारती निवासी हनुमान ताल इलाके के प्रेम नगर के तौर पर हुई थी। शुरुआत में पुलिस भी इसे हादसा मान रही थी और अभिषेक के परिवारवालों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
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पुलिस की तफ्तीश के दौरान जब घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया तो स्पॉट पर ऐसे कोई निशान या सबूत नहीं मिले जिससे ये लगे की अभिषेक भारती की एक्टिवा इतनी तेजी से डिवाइडर से टकराई हो जिससे उसकी मौत हो जाए। यही शक पुलिस को तफ्तीश करते हुए कातिल तक लेकर पहुंच गया। पुलिस ने जब अभिषेक के पड़ोसियों से पूछताछ की तो पता चला की अभिषेक व उसके छोटे भाई विनोद के बीच प्रॉपर्टी और पैसों को लेकर विवाद होता रहता था।
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पुलिस ने शक के आधार पर जब मृतक अभिषेक के छोटे भाई विनोद भारती को पकड़कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा सच कबूल लिया। विनोद ने भाई को बड़ी ही प्लानिंग के तहत मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अभिषेक और विनोद के पिता की 7 साल पहले मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद मां को पेंशन मिलती थी और अब अभिषेक को पिता की अनुकंपा नियुक्ति भी मिलने वाली थी। अभिषेक मां और विनोद से अलग किराए का कमरा लेकर रहता था। विनोद नहीं चाहता था कि अभिषेक की सरकारी नौकरी लगे। इसलिए उसने अभिषेक को मारने की साजिश रची।
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वारदात के बाद पुलिस ने घटनास्थल से लेकर छोटे भाई विनोद के घर के रास्ते में लगे कई सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जिनमें आरोपी विनोद अपने साथी के साथ भाई अभिषेक का पीछा करते दिखा था। आरोपी विनोद ने पुलिस को बताया कि 3 मार्च को अभिषेक मां से मिलने के लिए आया था और रात में वापस अपने किराए के कमरे पर जा रहा था। तभी उसने प्लानिंग के तहत दोस्त के साथ मिलकर उसका पीछा किया और फिर सुनसान रास्ते पर सिर पर लोहे का पट्टा मारकर उसकी हत्या कर दी। अभिषेक को मारने के बाद उसने उसकी एक्टिवा को डिवाइडर से टकराया और अभिषेक के ऊपर पटक पटकर भाग गया था। वारदात के दूसरे दिन अंजान बन आंसू बहाए और भाई की चिता को मुखाग्नि भी दी थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
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