साढ़े 3 साल से इस संत ने नहीं खाया अन्न का दाना, सिर्फ नर्मदा जल ही कर रहा गृहण, अब सरकार ने शुरु की इनपर रिसर्च
Saint Samarth Dada Guru Bhaiya Ji Sarkar : अगर हम आप से कहें कि एक शख्स ऐसा है, जो एक-दो महीने से नहीं, बल्कि करीब 3 साल 7 महीने से अन्न का दाना खाए बिना जीवित है तो आप सोचेंगे, भला ये भी संभव है ? लेकिन ये बात बिल्कुल सच है।
व्रत और उपवास के बारे में तो सभी लोग जानते हैं। अकसर लोगों ने कभी ना कभी ये रखे भी होंगे। इस्लाम धर्म ( islam religion ) में भी पूरे महीने रोजे ( Ramadan Roza ) रखे जाते हैं। चाहे उपवास ( Fast ) हो या रोजा ( Roza ) दिन में एक बार फलाहार या सहरी, अफतार उसमें किया ही जाता है। लेकिन अगर हम आप से कहें कि एक शख्स ऐसा है, जो एक-दो महीने से नहीं, बल्कि करीब 3 साल 7 महीने से अन्न का दाना खाए बिना जीवित है तो आप सोचेंगे, भला ये भी संभव है ? लेकिन ये बात बिल्कुल सच है।
ये चमत्कार जबलपुर में एक संत 17 सितंबर 2022 से करते आ रहे हैं। जबलपुर के संत समर्थ दादा गुरू भैया जी सरकार ( Saint Samarth Dada Guru Bhaiya Ji Sarkar ) के इस तप को देखकर अब तो वैज्ञानिक ( Scientist ) औट डॉक्टर ( Doctor ) भी हैरान होने लगे हैं। सरकार ( MP Government ) ने डॉक्टर्स की एक पूटी टीम गठित की है जो इस महायोगी ( great yogi ) पर टिसर्च कर उनके द्वारा की जा रही तपस्या को प्रमाणित करेगी।
दादा गुरू, समर्थ भैया जी सरकार मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में अपने समर्थ मिशन आश्रम में निवास करते हैं। दादा गुरू 7 अक्टूबर 2020 से इस महाव्रत को कर रहे हैं और इसमें वो दिन में कई बार सिर्फ नर्मदा जल ही पीते हैं। अब सवाल ये है कि क्या नर्मदा जल में इतनी शक्ति है कि सिर्फ उसे ही पीकर कोई इतने लंबे समय जीवित रह सकता है।
सरकार कर रही शोध
दरअसल दादा गुक समर्थ भैया जी सरकार सिर्फ नर्मदा जल पीकर 1300 से ज्यादा दिनों से सिर्फ जिंदा ही नहीं हैं बल्कि शारिरिक और मानसिक रूप से सक्रिय भी हैं। इसी महाव्रत को करते हुए वो मां नर्मदा की 3 हजार 200 किलो.मीटर की परिक्रमा भी कर चुके हैं। अब विजान के सिद्धांतों को चुनौती देते इस महाव्रत पर सरकार शोध कर रही है।
संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने संत की तपस्या पर शोध करने और इसकी प्रामाणिकता को विश्व स्तर पर प्रमाणित करने के लिए निर्देश जारी किया, जिसके बाद नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति के अध्यक्ष एमपीएमएसयू जबलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. आरएस शर्मा होंगे तो मेडिसिन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रशांत पुणेकर और पैथोलॉजी डिपार्मेट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश महोबिया समेत नर्मदा मिशन के अध्यक्ष निलेश रावल इस समिति के सदस्य होंगे। समिति द्वारा अगले 7 दिन, 24 घंटे लगातार दादा गुर के स्वास्थ्य और दिनचर्या की सतत निगरानी की जाएगी।
सभी जांचों से प्रमाणित करेंगे तप
इस शोध की सूचना मंगलवार को जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा दादा गुरू को दी जा चुकी है, जिसके बाद बुधवार को दादा गुरू शाम लगभग 7 बजे मेडिकल अस्पताल शोध के लिए पहुंच गए हैं। दादा गुरू को मेडिकल कॉलेज के गेस्ट हाउस में सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है। समिति द्वारा दादा गुरू का पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, ईसीजी जैसी जांच की गई। आगे दादा गुरू का ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल, यूरिया, यूरिक एसिड आदि की भी जांच होगी और जरूरत पड़ने पर समिति को जो जांच उचित लगेंगी वो जांच की जाएगी। दादा गुरू रोजाना रात में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के गेस्ट हाउस में ही रहेंगे और सुबह उनकी नियमित दिनचर्या ली जाएगी।
गठित की गर्ड़ समिति जांच के 3 हफ्तों बाद अपनी रिपोर्ट रजिस्टर मेडिकल काउंसिल को सौंपेगी। जानकारी के अनुसार, विभाग दादा गुरू पर शोध कर ये भी जानना चाहता है कि आखिर नर्मदा जल में ऐसी कौन से तत्व हैं, जिससे किसी व्यक्ति को इतना पोषण मिल सके कि वो ड़इतने लंबे समय तक बिना अन्य ग्रहण किया भी जीवित रह सकता है।
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