थोक फल कारोबारियों की मनमानी पर लगाम कसने में मंडी प्रशासन फेल विशेषज्ञों के अनुसार आम में विटामिन सहित फाइबर, कैल्शियम, आयरन सहित कई पोषक तत्व होते हैं। इन्हें पकाने के लिए रसायन का उपयोग करने से विटामिन की मात्रा कम हो जाती है। कैल्शियम कार्बाइड से फलों को पकाने की प्रक्रिया में एसिटिलीन गैस निकलती है, जो जहरीली होती है। यह हृदय पर बुरा प्रभाव डालती है। याददाश्त कमजोर होती है।
पाल विधि से पकाना बंद पहले फल व्यापारी पुरानी विधि (घास की पाल) से फलों को पकाते थे। इसमें पांच से आठ दिन लगते थे। जबकि रसायन से एक-दो दिन में पक जाते हैं। केलों को पकाने रसायन के घोल में डुबो देते हैं जिससे कुछ ही घंटों में पक जाते हैं।
धोकर खाएं फल-सब्जी विशेषज्ञों के अनुसार कार्बाइड से पके फल व सब्जियों में विटामिन, थायमिन, नाइसिन, राइबोफ्लेविन तथा कुछ खनिज पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। ऐसे फल-सब्जियां शरीर में गर्मी उत्पन्न करते हैं। हृदय व नाड़ी की गति को तेज करते हैं। इसलिए फलों व सब्जियों को अच्छी तरह धोने के बाद भी खाना चाहिए। जबकि पाल (देशी विधि) से पके फलों में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती।
सेंधा नमक मिले पानी करें उपयोग विशेषज्ञों के अनुसार पानी में एक चम्मच सेंधा नमक मिलाकर उसमें फल-सब्जियों को कुछ समय के लिए डुबोकर रख दें। इससे उन पर लगे कैमिकल पदार्थ घुल कर बाहर निकल जाएंगे।
फलों पर चढ़ा रहे कैमिकल युक्त मोम की परत फलों और सब्जियों को ताजा बनाए रखने के लिए प्राकृतिक मोम के इस्तेमाल को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी की ओर से अनुमति दी गई है। केमिकल युक्त मोम के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। मुनाफा कमाने के लिए कुछ फल कारोबारी कैमिकल युक्त मोम का इस्तेमाल करते हैं।