रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय के जबलपुर शहर में जो मकान हैं, वो किसी महल से कम नहीं हैं। अनंततारा और कजरवारा में उसके दोनों मकान किसी महल से कम नहीं हैं। इन मकानों की कीमत ही तीन करोड़ से अधिक की बताई जा रही है। दोनों मकानों में कमरों से लेकर बाथरूम तक में स्वचालित उपकरण लगे हुए हैं। सुरेश उपाध्याय की इस बेनामी संपत्ति की पहली शिकायत 2010 में हुई थी।
यही नहीं साल 2014 और 2015 में भी सुरेश उपाध्याय के खिलाफ बेनामी संपत्ति को लेकर दो शिकायतें मिलीं, लेकिन जांच के नाम पर अब तक इसके लटकाए रखा गया। जानकारी के अऩुसार 65 वर्षीय सुरेश उपाध्याय ने सदर स्थित प्रेम बुक डिपो के ऊपर अपना कार्यालय बना रखा है। इस कार्यालय से विभिन्न बैंकों के खाते संबंधी जानकारी प्लॉट और जमीन संबंधी रजिस्ट्री के दस्तावेज मिले हैं। इसके घर में इटॉलियन टाइल्स लगे हैं।
रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय और उसका परिवार एकदम लग्जरी लाइफ जीता था। इसके घर में सभी लग्जरी आइटम मौजूद हैं। इओडब्ल्यू ने सुरेश उपाध्याय और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर संचालित बैंक खातों को सीज करने के लिए शाखा प्रबंधकों को पत्र भेजा है। साथ ही खातों में जमा राशि की जानकारी मांगी गई हैं।
ईओडब्ल्यू डीएसपी राज्यवर्धन माहेश्वरी ने बताया कि सुबह पांच बजे 65 लोगों की टीम ने एक साथ उपाध्याय के बिलहरी रोड स्थित अनंततारा के बंगले, सदर स्थित कार्यालय और भीटा कजरवारा में दो-दो अलग-अलग घरों पर छापा मारा। चारों स्थानों पर देवरीकलां, कजरवारा, उमरिया, तिलहरी और बिलहरी में सैकड़ों एकड़ जमीन के कागजात मिले हैं।
रिटायर्ड एसडीओ ने पीएचई विभाग में 36 वर्ष तक नौकरी की है। उसने अपनी काली कमाई का सबसे ज्यादा निवेश प्रॉपर्टी में किया है। जिसमें फ्लैट्स, जमीन, कार और अन्य लग्जरियस सुविधाएं भी शामिल हैं।
उपाध्याय परिवार ने हाल ही में कजरवारा में सौ एकड़ जमीन का सौदा किया था। इसी सौदे के बाद ईओडब्ल्यू के निशाने पर आया। सुरेश उपाध्याय ने अपने अपनी नौकरी में वेतन के तौर पर 53.26 लाख रुपये प्राप्त किए थे। इसमें 33 प्रतिशत परिवार खर्च के तौर पर 17.57 लाख व्यय किया होगा।
रिडायर्ड एसडीओ ने लग्जरी वाहनों को खरीदने पर 3.86 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके साथ ही पत्नी अनुराधा ने आयकर रिटर्न में कुल 1.14 करोड़ और बेटे सचिन ने आय 5.08 लाख दिखाई है। ऐसे में सवाल है कि फिर ये चार सौ करोड़ रुपये की संपत्ति कहां से आई।
रिटायर्ड एसडीओ सुरेश उपाध्याय पीएचई में अगस्त 1978 में ज्वाइन किए थे और 2014 में रिटायर्ड हुए। 36 साल की नौकरी के बाद उनके पास से मिली अकूत संपत्ति से टीम भी भौंचक रह गई। सारी प्रॉपर्टी वर्ष 2006 से 2013 के बीच खरीदी गई है। सुरेश उपाध्याय के नाम छह एकड़, बेटे सचिन उपाध्याय के नाम 18 एकड़ और पत्नी अऩुराधा उपाध्याय के नाम पर तीन एकड़ कृषि भूमि भी मिली है।
सुरेश उपाध्याय की पत्नी अऩुराधा उपाध्याय बीजेपी नेत्री और पूर्व पार्षद है। इस वजह से उपाध्याय के बीजेपी नेताओं से अच्छे संबंध भी हैं। इसके साथ ही वह अपने राजनीतिक रसूख का फायदा भी उठाता रहा है। बताया जाता है कि भाजपा के कई बड़े नेताओं से उसकी अच्छी सांठगांठ हैं।
ऐसे बनाता था माल
नौकरी में रहते हुए सुरेश उपाध्याय ट्यूबवेल खुदवाने का काम करता था। 100 से 200 फीट की खुदाई को 300 से 400 फीट का बताकर भुगतान उठाता था। इसी में जमकर कमीशन का खेल हुआ। कई बार तो बिना खुदवाए ही पैसे निकाल लेता था।