पाटन रेंज की तमोरिया की पहाडिय़ों के बीच दरारों में गिद्धों का कुनबा है। जैसे ही सूरज की किरणें निकलने वाली थी, वे पहाडिय़ों से बाहर आने लगे। विशेषज्ञों ने गिद्धों की तस्वीर लेने के साथ उनकी प्रजाति की पहचान कर रिकॉर्ड तैयार किया। दूरबीन के माध्यम से दूर-दूर तक नजरे दौड़ाकर गिनती की गई। यहां चार प्रजातियों के71 व्ययस्क एवं 7 अव्ययस्क गिद्ध देंखे गए। रेंजर स्वाति यादव, वन कर्मचारी एवं सिटीजन फॉर नेचर के पक्षी विशेषज्ञ मौके पर मौजूद थे। इसी प्रकार शहपुरा रेंज के बरमान की पहाडिय़ों के समीप वन विभाग की गाडिय़ा सुबह से पहले पहुंच गईं। अंधेरे में ही आवास स्थलों के करीब पहुंचकर दूरबीन और कैमरे सेट किए गए। उजाला होते समय गिद्ध दिखे।
वन विभाग का दावा है कि वहां भी पांच गिद्ध देंखे गए। इस आवास स्थल पर रेंजर मंजू उईके के नेतृत्व में वनकर्मियों ने गणना की। शहपुरा में कम हुआ कुनबा दो वर्ष गिद्धों की गिनती की गई है। वर्ष 2016 में 23 जनवरी को हुई गणना में शहपुरा के तमोरिया में 18 गिद्ध गिने गए थे। जबकि, दूसरी बार 14 मई की गणना में 62 गिद्धों की तस्वीरे ली गई। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार सर्दी के सीजन में पिछले साल जैसा कोहरा और ठंडक नहीं है फिर भी कोई खास वृद्धि नहीं दर्ज की गई। जबकि, 14 मई को शहपुरा की पहाडिय़ों में 12 गिद्ध गिने थे, इस बार की गिनती में सिर्फ पांच ही दिखे।
गिद्ध गणना की रिपोर्ट
पाटन रेंज
प्रजाति- संख्या
देसी- 71(7 बच्चे )
इजिप्शियन- 5
चमर- 1
राज गिद्ध – 1
शहपुरा
देसी- 5 (बच्चे नहीं दिखे )
पाटन और शहपुरा रेंज की पहाडिय़ों में 83 गिद्ध देखे गए। गिद्धों का कुनबा बढ़ रहा है। पाटन में पिछली बार की अपेक्षा ज्यादा गिद्ध दिखे। शहपुरा में गर्मियों के सीजन में 12 गिद्ध दिखे थे। सर्दी के सीजन में 5 गिद्ध देखे गए।
– रवींद्र मणि त्रिपाठी, डीएफओ