रामनवमी 25 मार्च को
भगवान श्री राम जनमानस को जन्म चेतना और सच्चे ईमानदार बने रहने की प्रेरणा देता है। ज्योतिषाचार्य सचिनदेव महाराज के अनुसार इस बार रामनवमी 25 मार्च को मनाई जाएगी। जबकि नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो जाएंगे । राम भक्तों द्वारा भगवान का विशेष पूजन अर्चन कर धूमधाम से उनकी शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। जबलपुर में श्री राम मंदिर मदन महल में राम जन्मोत्सव पर विशेष आयोजन होता है। जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर भगवान के जयकारे लगाते हैं।
जबलपुर में रामनवमी उत्सव
श्री राम नवमी हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है जो देश-दुनिया में सच्ची श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार वैष्णव समुदाय में विशेषतौर पर मनाया जाता है।
1. इस के दिन भक्तगण रामायण का पाठ करें
2. रामरक्षा स्त्रोत का भी पाठ करें
3. जगह जगह भजन-कीर्तन का भी आयोजन होगा
4. भगवान राम की मूर्ति को फूल-माला से सजाते हैं और शोभायात्रा निकली जाती है
5. भगवान राम की मूर्ति को पालने में झुलाते के लिए होड़ लग जाती है
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राम नवमी की पूजा विधि
1. सबसे पहले स्नान करके पवित्र होकर पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें।
2. पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए।
3. उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें।
4. खीर और फल-मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें।
5. पूजा के बाद घर की सबसे छोटी महिला सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाए।
ऐसी है मान्यताएँ
श्री रामनवमी की कहानी लंकाधिराज रावण से शुरू होती है। रावण अपने राज्यकाल में बहुत अत्याचार करता था। उसके अत्याचार से पूरी जनता त्रस्त थी, यहाँ तक की देवतागण भी, क्योंकि रावण ने ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान ले लिया था। उसके अत्याचार से तंग होकर देवतागण भगवान विष्णु के पास गए और प्रार्थना करने लगे। फलस्वरूप प्रतापी राजा दशरथ की पत्नी कौशल्या की कोख से भगवान विष्णु ने राम के रूप में रावण को परास्त करने हेतु जन्म लिया। तब से चैत्र की नवमी तिथि को रामनवमी के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। ऐसा भी कहा जाता है कि नवमी के दिन ही स्वामी तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना शुरू की थी।