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Indian Railway: वेटिंग टिकट पर यात्रा बंद, जाना जरूरी तो टॉयलेट में सफर की मजबूरी

Railway लाइव : वेटिंग टिकट पर यात्रा बंद, जाना जरूरी तो टॉयलेट में सफर की मजबूरी

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Travel on waiting tickets banned

Travel on waiting tickets banned

railway Live news: जबलपुर से ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जनरल और स्लीपर कोच पहले से ही फुल हैं ऐसे में वेटिंग टिकट पर यात्रा में बैन लगाने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। ऐसे यात्रियों के लिए रेलवे द्वारा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। यात्री असमंजस में हैं कि कहां जाएं और कैसे अपनी यात्रा पूरी करें।

सफर के दौरान उन्हें पूरे समय डर बना रहता है कि कहीं चैकिंग के दौरान उन्हें टीटीई और रेल सुरक्षा बल बीच रास्ते में उतार न दे। मुंबई हावड़ा मेल, सोमनाथ एक्सप्रेस, पुरी वलसाड एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भीड़ का आलम इस कदर था कि जनरल कोच से लेकर स्लीपर कोच भी यात्रियों से लबालब भरे पड़े थे।

वेटिंग-कंफर्म सब परेशान

ट्रेनों में अधिकांश यात्री ऐसे थे जो वेटिंग के बाद भी स्लीपर में बैठकर सफर करने के लिए मजबूर थे। टिकट कन्फर्म नहीं थी लेकिन जाना जरूरी था। वहीं ऐसे यात्री भी परेशान थे जिन्होंने महीनों पहले कनफर्म टिकट लिया लेकिन सुकून से सफर नहीं कर पा रहे थे।

स्टेशन पर टूट रहे नियम

एक तरफ रेलवे ने वेटिंग टिकट को स्लीपर और एसी कोच में नो एंट्री नियम बना रखा है, वहीं दूसरी ओर बर्थ न होने के बाद भी स्टेशन पर टीटीई स्टेशन पर यात्रियों का टिकट बना रहे हैं। जबलपुर स्टेशन पर यह नजारा देखा गया। टिकट के बनने से यात्री स्लीपर और एसी कोच एंट्री कर जाते हैं। उनको सीट नहीं मिलती वहीं दूसरों का सफर भी खराब करते हैं।

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एक नजर (fact file)

0-यात्रियों को देखने सुनने वाला कोई नहीं
0-आरपीएफ जवान दिखे मूक दर्शक
0-टीटीई भी टिकट बनाकर दे रहे थे सीट
0-शौचालय तक यात्रियों का था कब्जा
0-कोच के अंदर घुसने की जददोजहद

ट्रेनों का मेंटेनेंस नहीं, कोच में टपक रहा पानी

सिंगरौली इंटरसिटी एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्री ज्ञानचंद्र जैसवाल कोच के अंदर पानी आने और गंदगी के कारण परेशान रहे। उनको पूरा सफर सीट पर पैर रखकर करना पड़ा। इसकी शिकायत रेल प्रशासन से की है। इसी तरह दयोदय एक्सप्रेस के एसी कोच में पानी टपकने का मामला सामने आया। यात्रियों ने इसकी इसकी शिकायत डीआरएम से की जिसके बाद रेल प्रशासन ने मैकेनिकल विभाग को सूचना देकर कोच को चैक कराया गया।

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इनका क्या कहना है

ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। रेलवे को बढाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे। यदि कोच नहीं भी बढाए जा रहे हैं तो इसके पीछे पाथ पर ट्रेनों को चलाने की व्यवस्था पर शीघ्रता से निर्णय लिया जाना चाहिए।

मुकेश गालब, जनरल सेकेट्री, डब्ल्यूसी

वेटिंग टिकट पर यात्रा कर रहे यात्रियों और सामान्य यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि उन्हें इस प्रकार की मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

डॉ सुनील मिश्रा, सदस्य जेडआरयूसीसी