जबलपुर

पूर्णिमा व्रत पूजन आज, भगवान विष्णु को मनाने का शुभ मुहूर्त- पंचांग

पूर्णिमा व्रत पूजा विधान, घर में भगवान विष्णु पूजा

जबलपुरAug 14, 2019 / 10:23 am

Lalit kostha

पूर्णिमा व्रत पूजा विधान, घर में भगवान विष्णु पूजा

जबलपुर। शुभ विक्रम संवत् : 2076, संवत्सर का नाम : परिधावी, शाके संवत् : 1941, हिजरी संवत् : 1440, मु.मास: जिल्हेज तारीख 12, अयन : दक्षिणायन, ऋतु : वर्षा, मास : श्रावण, पक्ष : शुक्ल
तिथि – रिक्ता तिथि चतुर्दशी दोपहर 2.47 तक उपरांत पूर्णा तिथि पूर्णिमा रहेगी। रिक्ता तिथि में शुभ मांगलिक कार्य प्राय: निशिद्ध माने जाते हैं। इस तिथि में अग्निविषयक कार्य, विवादयुक्त कार्य, असद कार्य संपादित किए जा सकते हैं। दैनिक कार्य के संपादन हेतु इस तिथि में कार्य करना सामान्यत: शुभ तथा मंगलकारी रहेगा।
योग- दोपहर 12.39 तक आयुष्मान उपरांत सौभाग्य योग रहेगा। दोनो ही नैसर्गिक योग शुभ रहेंगे।
विशिष्ट योग- तिथि गणना तथा योग गणना के आधार पर आज का दिन सभी प्रकार के दैनिक कार्यों हेतु शुभ रहेगा।
करण- सूर्योदय काल से वणिज उपरांत वव तदंतर वालवकरण का प्रवेश होगा। करण गणना सामान्य है।

 

नक्षत्र- धु्रवसंज्ञक अधोन्मुख नक्षत्र उत्तराषाढ़ प्रात: 5.56 तक उपरांत श्रवण नक्षत्र रहेगा। इस नक्षत्र में देवस्थापन, गृह निर्माण, अलंकार, साज-सज्जा, व्यापारारम्भ, क्रय-विक्रय, खनिज संपदा, यात्रा, विवाह, जैसे कार्य शुभ तथा मंगलकारी माने जाते हैं। वहीं श्रवण नक्षत्र में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य संपादित करना शुभ माना जाता है।
शुभ मुहूर्त – प्रसूति स्नान, सेवारंभ, पत्र लेखन, क्रय-विक्रय, पठन-पाठन व्यापारंभ, खनिज संपदा, मित्र मिलन तथा जन हितैषी कार्यों के लिए आज का दिन शुभ, सुखद रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए – आज प्रात: 6.00 से 9.00 लाभ अमृत दोपहर 4.30 से 6.00 लाभ तथाा रात्रि 7.30 से 10.30 शुभ तथा अमृत की चौघडिय़ा शुभ तथा मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज : श्रावण मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी के साथ व्रत पूर्णिमा का शुभ योग रहेगा। भगवान विष्णु का पूजन करना परम कल्याणकारी रहेगा।
चंद्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक शनि प्रधान राशि मकर राशि में संचरण करेगा।

 

 

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ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के कर्क राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का पुष्य नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है। इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथासंभव टालना हितकर है। चंद्रमा का वास दक्षिण दिशा में है। सन्मुख और दाहिना चंद्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 12.00.00 से 1.30.00 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर भे, भो, भू, जा अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। उत्तराषाढ़ नक्षत्र में जन्मे जातक की राशि मकर तथा राशि स्वामी शनि है। इस राशि के जातक सामान्यत: प्रकृति प्रेमी, ईमानदार, संघर्षशील, समाज सेवी, निडर, मिलनसार तथा धार्मिक स्वभाव के होते हैं। जातक का प्रारंंभिक जीवन सामान्य रहता है, परंतु उत्तरार्ध का जीवन अत्यंत सुखद तथा सफलता प्रदान कराने वाला रहेगा।

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