आपको बता दें कि, पहले भी बिजली कंपनी द्वारा दर बढ़ाने का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा गया था लेकिन तब आपत्तिकर्ताओं के विरोध के चलते प्रस्ताव वापस ले लिया गया था। लेकिन, बिजली कंपनी द्वारा एक बार फिर उन्हीं दरों के साथ प्रस्ताव भेजा गया है। बिजली कंपनियों ने सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर नए कनेक्शन लेने और विभिन्न प्रकार के सेवा शुल्कों में 68 से लेकर 70 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा गया है। हालांकि, इस बार बार भी उपभोक्ताओं से 30 सितंबर 2021 तक आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया गया है। मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग इसपर 5 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। अगर तय समय तक आपत्ति नहीं आती, तो प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
दर बढ़ाने का प्रस्ताव
बिजली कंपनियों की तरफ से इसके पहले भी इन्हीं दरों के साथ प्रस्ताव भेजा गया था जिस पर करीब 20 उपभोक्ताओं और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधियों ने 6 जुलाई 2021 को हुई जन सुनवाई में विरोध किया था। विरोध के चलते सरकार की ओर से शुल्क वृद्धि का प्रस्ताव टाल दिया गया था। लेकिन, एक बार फिर बिजली कंपनी की तरफ से उन्हीं बढ़ी दरों के साथ फिर से प्रस्ताव भेजा है।
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उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा गहरा असर
बिजली विभाग के जानकार और याचिकाकर्ता मुकेश नागपुरे ने बताया कि, मौजूदा परिस्थितियों में वाणिज्य और औद्योगिक क्षेत्र मंदी के दौर से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में अगर बिजली कंपनियां विभिन्न सेवाओं की शुल्क में वृद्धि करेंगी, तो उसका सीधा असर उपभोक्ता की जेब पर पड़ेगा। लिहाजा इस इस तरह की वृद्धि आमजन की जेब पर डाके के समान है, जिसे वापस लेना चाहिए।
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इस तरह पड़ेगा उपभोक्ता की जेब पर असर
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