शास्त्रों के अनुसार href="https://www.patrika.com/jabalpur-news/rishi-panchami-rishi-panchami-vrat-katha-puja-vidhi-muhurat-1-3408680/" target="_blank" rel="noopener">गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन पंचमी तिथि को href="https://www.patrika.com/jabalpur-news/rishi-panchami-rishi-panchami-vrat-katha-puja-vidhi-muhurat-1-3408680/" target="_blank" rel="noopener">ऋषि पंचमी मनाई जाती है। इस दिन व्रत पूजन करने वाली युवतियों व महिलाओं को माहवारी या पीरियड्स के दौरान हुए जाने अनजाने पापों से मुक्ति दिलाता है। साथ ही वे स्वस्थ जीवन जीने लगती हैं। ऋषि पंचमी पर सप्तऋषियों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। जिन्होंने समाज और जनमानस के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। ऋषियों के शिष्यों ने उनके संदेश को जनमानस तक पहुंचाया जिससे लोग दान पुण्य पूजन कर्म आदि करने लगे हैं।