ये है मामला
जबलपुर के पीडी बाखले एवं डेमोक्रेटिक लॉयर्स फोरम जबलपुर की ओर से अधिवक्ता ओपी यादव ने यह परिवाद दायर किया है। कहा गया है कि अभिनेता अमिताभ बच्चन नवरत्न तेल का भ्रामक विज्ञापन समाचार माध्यमों कंे जरिए प्रसारित कर रहे हैं। इनमें बच्चन द्वारा प्रचारित किया जा रहा है कि नवरत्न तेल ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है। लेकिन यह नहीं बताया गया है कि तेल किन-किन जड़ी बूटियों से मिलकर बना है। कहा गया है कि अमिताभ बड़े अभिनेता हैं।
दें प्रयोगशाला का प्रमाण
परिवाद दायर कर्ता का आरोप है कि यह तेल न तो रजिस्टर्ड है और ना ही निर्माता कंपनी के पास इसके निर्माण का कोई लायसेंस है। इसके गुणों को भारत की किसी भी प्रयोगशाला ने प्रमाणित नहीं किया है। इसके बावजूद भी यह प्रचार किया जा रहा है कि यह तेल सिरदर्द, बदन दर्द, थकान तथा बालों की समस्या से राहत दिलाता है। औषधि निर्माण के लिए लायसेंस जरूरी है। उनकी बातों से जनता प्रभावित होती है। बिना जांच-पड़ताल इस तरह का विज्ञापन अनुचित है।
परिवाद दायर कर्ता ने कहा है कि औषधीय गुणों को दर्शाने वाले किसी भी विज्ञान में संबंधित वस्तु के औषधीय गुणों का प्रमाण्ति होना आवश्यक है। इसे आवश्यक प्रयोगशाला में प्रमाणित होना चाहिए। लेकिन तेल कंपनी और बच्चन के विज्ञापन में ऐसा कहीं नजर नहीं आता। इसे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 का उल्लंघन माना जाना चाहिए। परिवाद दायर कर्ता ने संबंधितों से मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए 15 लाख रुपए का अनुतोष मांगा है।