नई बनी सड़कें भी नहीं झेल पाईं पहली बारिश
Damage road -इस शहर की सड़कों पर वाहन चालकों को दिखाना पड़ता है सर्कस
जबलपुर•Aug 29, 2019 / 07:38 pm•
shyam bihari
Damage roads
जबलपुर। कहने को तो जबलपुर शहर में महानगरों से जैसा दबाव नहीं है। लेकिन, शहर की कोई भी सड़क और इससे सटे एक भी हाइवे पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। हाइवे कई जगह खेतों में बदल गए हैं। शहर की सड़कें जगह-जगह गड्ढों के रूप में छलनी हो गई हैं। वाहन आए दिन हादसों को शिकार होते हैं। जिम्मेदार कहते हैं बारिश के बाद सड़कें बनाई जाएंगी। 25 किमी के रेडियस वाले जबजपुर शहर में कहने को एक भी सड़क ऐसी नहीं है कि इस पर 15 किमी की रफ्तार से ज्यादा में वाहन चला सकें। फिर भी निगम के जिम्मेदारों को यह बड़ी समस्या नहीं लगती। उनका कहना है कि बारिश में तो यह सब हो ही जाता है। बारिश खत्म होते ही काम शुरू हो जाएगा। लेकिन, आम लोगों का सवाल है कि हालिया बनीं सड़कें आखिर बह क्यों गईं?
राष्ट्रीय राजमार्ग-सात
यह मार्ग जबलपुर से कटनी के बीच 98 किमी है। जबलपुर से सिवनी की दूरी 99 किमी है। वहीं, एनएच-12 पर जबलपुर से शहपुरा मेरेगांव 55 किमी दूर है। एनएच-12ए पर जबलपुर से बीजाडांडी की दूरी 40 किमी है। एनएच-34 पर जबलपुर से कटंगी 38 किमी दूर है। लेकिन, बारिश ने शहर के चारों ओर बने नेशनल हाइवे और उससे जुड़े स्टेट हाइवे की सूरत बिगाड़ दी है। कई जगह तो लोग दहशत में वाहनों से उतर जाते हैं।
एमपीआरडीसी द्वारा जबलपुर से मंडला और चिल्पी घाटी-कवर्धा सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। तीन चरण में हुए इस सड़क का निर्माण चार वर्ष बाद भी अधूरा है। बरेला से आगे ये सड़क कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। सड़क की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि लोग बसों से और अन्य वाहनों से उतर कर खतरनाक हिस्सों की दूरी तय करने को मजबूर हैं। एनएच-7 स्थित कटंगी, पाटन व अंधमूक बाईपास की सर्विस रोड गड्ढो में तब्दील हो चुकी है। यहां के बड़े-बड़े गड्ढों में आए दिन कोई न कोई वाहन हादसे के शिकार हो जाते हैं। एक तरफ की सर्विस रोड पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। यही हाल आगे तिलवारा से चूल्हागोलाई के बीच का है।
जबलपुर से मेरेगांव तक एमपीआरडीसी की तरफ से इस सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। तेवर के पास निर्माणाधीन ओवरब्रिज के चलते दोनों तरफ की सर्विस रोड दलदली कीचड़ में तब्दील हो चुका है। यहां पिछले एक महीने में चार हादसे हो चुके हैं। जबलपुर से कटंगी की 40 किमी की सड़क के रख-रखाव का जिम्मा टोल वसूलने वाली कम्पनी का है। बावजूद ये पूरी सड़क गड्ढो में तब्दील हो चुकी है। बेलखाड़ू तक कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं।
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