जबलपुर। राष्ट्रीय दलित महासभा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। सोमवार को महासभा के सैकड़ों आदिवासी और दलित कार्यकर्ताओं ने घंटाघर चौक पर प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी मांगे तत्काल पूरी करने की मांग की है। मांगे नहीं मानने पर 24 से 27 नवंबर के बीच दिल्ली में धरना प्रदर्शन का अल्टीमेटम दिया है।
राष्ट्रीय दलित महासभा के जिलाध्यक्ष प्रकाश गोतेले ने बताया कि 7 जनवरी 2016 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मैहर चुनाव के दौरान सभा में कहा था कि दलित,आदिवासी जिस जमीन पर खेती कर रहे हैं या रह रहे हैं उन्हें उस जमीन का पट्टा दिया जाएगा। लेकिन अभी तक 1959 के हिसाब से ही पट्टे दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री वादा खिलाफी कर रहे हैं।
हर गरीब महिला को पांच एकड़ जमीन
मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञपन में कहा गया कि हर गरीब महिला को पांच एकड़ जमीन दी जानी चाहिए। वहीं 1959 के बाद जो दलित-आदिवासी जहां बस गए हैं उन्हें उस जमीन का पट्टा दिया जाना चाहिए। जब तक सरकार गरीब महिलाओं को पांच एकड़ जमीन नहीं देती, तब तक ऐसी महिलाओं को पांच हजार रुपए मासिक भत्ता दिया जाना चाहिए।
ये भी थीं मांगे
– हर भूमिहीन आदिवसी-दलित परिवार को एक हेक्टेयर भूमि और 75 हजार रुपए देने की घोषण की गई थी।
– जिन आदिवासियों को पट्टे दिए गए हैं उन्हें यह भी पता नहीं है कि उनकी जमीन कहां है। सरकार आदिवासियों को हक दे।
– सरकार भूमिहनों को अपने खर्चे पर जमीन दे। भले ही उसे जमीन अधिग्रहित करनी पड़े।
– वन अधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों को तत्काल पट्टे बांटे। इसमें दलितों को भी शामिल किया जाए।
– भूमिहीन दलितों को चिन्हित करके तत्काल जमीन आबंटित की जाए।
– विकास परियोजनाओं के लिए आदिवासियों की जमीनों को अधिग्रहीत करना बंद किया जाए।
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