सौर्हाद्र में अहम भूमिका
मौलाना महमूद अहमद कादरी शहर में सामाजिक समरसता के लिए भी जाने जाते थे। जब भी शहर में विषम परिस्थतियां बनने की स्थिति निर्मित हुए मौलाना पूरी सजगता से आगे आए। सूझबूझ और बेहतर ढंग से एक विकल्प दिया, जिससे शहर की फिजां में हमेशा शांति और सौहार्द्र का रंग घुला रहा। समाजसेवी विनोद शर्मा और अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि मौलाना साहब की कमी शहर को हमेशा खलेगी। वे एक बेहतर सोच के व्यक्ति और सहज व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने हमेशा यही संदेश दिया कि आपसी सौहाद्र्र और मेलजोल के साथ ही आदमी तरक्की कर सकता है। उन्होंने हमेशा यही बताया कि शहर की तरक्की के लिए सभी का आपस में मिल-जुलकर काम करना जरूरी है। इससे प्रदेश और देश की भी तरक्की होगी।
कल होगा अंतिम संस्कार
समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी सरदार अली कादरी ने बताया कि मौलाना साहब की एक बेटी है। उनका निकाह चुका है। वे नाती-पोतों के धनी थे। सहज व्यक्तित्व के धनी मौलाना साहब की कमी शहर को हमेशा खलेगी। कादरी ने बताया कि मौलाना साहब का इंतकाल गुरुवार सुबह करीब 9.20 बजे हुआ। कल शुक्रवार को दोपहर एक बजे दारूस्लाम उपरैनगंज से उनका जनाजा ईदगाह कलां रानीताल के लिए रवाना होगा। जुमे की नमाज के बाद दोपहर बजे हजरत की नमाजे जनाजा अदा की जाएगी। वहीं पर ततफीन अमल में लायी जाएगी। मौलाना साहब को सुपुर्देखाक किया जाएगा। मौलाना साहब के इंतकाल की खबर से शहर में शोक का माहौल है। भारी संख्या में लोग उनके घर के आसपास एकत्रित हैं। पुलिस ने मार्ग को डायवर्ट करके यातायात आदि की व्यवस्था भी कर दी है।