हाईकोर्ट ने पूछा- अब तक कितनी राशि वसूली
मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर की है। इसमें हाईकोर्ट को बताया कि वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों को प्रवेशित दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपए की छात्रवृत्ति की राशि हड़प ली। जब जांच हुई तो खुलासा हुआ कि कॉलेजों ने जिन छात्रों के नाम पर राशि ली थी वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए। प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके बाद प्रदेश भर के निजी पैरामेडीकल कॉलेजों से करोड़ों रुपए की वसूली के आदेश जारी हुए थे। इस मामले में पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों व अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में भी प्रकरण दर्ज है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेजा ने पक्ष रखा।
नर्सिंग काउंसिल उपलब्ध कराए रिपोर्ट
हाईकोर्ट में नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े के मामले में शुक्रवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिए कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में खोले गए 491 नर्सिंग कॉलेजों को दी गई अनुमति और वहां की इंस्पेक्शन रिपोर्ट याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराएं। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायाधीश विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने 8 सप्ताह की मोहलत दी है। मप्र लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने आवेदन पेश कर नर्सिंग काउंसिल के जबाब में बताई खामियां व अन्य मुद्दों पर कोर्ट के समक्ष 21 प्रश्न पेश किए। प्रश्नों में फैकल्टी, अधोसंरचना, अस्पताल, इंस्पेक्शन टीम आदि पर कार्रवाई से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।