माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में जिले में करीब 2 लाख कॉपियों का मूल्यांकन किया जा रहा है। जल्द ही दूसरी खैप आने वाली है। इस बार पारदर्शिता के लिए कॉपियों में बारकोङ्क्षडग की गई है।
केस-1
12वीं कक्षा के अंग्रेजी विषय की कॉपी में एक छात्रा को फेल होने की आशंका थी। उसने लिखा कि यदि वह फेल हो गई तो आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाएगी और परिवार वाले शादी करा देंगे।
केस-2
10वीं कक्षा के एक छात्र ने हिंदी की कॉपी में शुरुआत भगवान के नाम से की। कॉपी के सबसे पहले पन्ने पर सरस्वती जी का नाम लिखा। हिस्ट्री के पेपर में भी एक छात्र ने भोले शंकर का नाम लिखा।
कई बार बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। परीक्षा के दौरान मन में अंतरद्वंद होता है और जो तात्कालिक भाव आते हैं बचाव को लेकर रखते हैं। हालांकि मूल्यांकन भावनात्मक नहीं वस्तुपरक होता है।
-सुधीर उपाध्याय, मूल्यांकन आब्जर्वर