Jabalpur फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक ही जमीन अलग-अलग लोगों को बेचने के मामले में हाईकोर्ट के न्यायाधीश विशाल धगट की एकलपीठ ने एसपी, ओमती थाना प्रभारी को आरोपी बिल्डर आदर्श अग्रवाल व सुशील निगम के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
एकलपीठ ने कहा कि मामले में सीएसपी ओमती संभाग ने एसपी को फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट सौंप दी है। लोक अभियोजक ने भी ओपिनियन दिया है कि प्रथम दृष्टया अपराध बनता है तो पुलिस का यह दायित्व है कि एफआइआर दर्ज करे।
Jabalpur अन्य लोगों को बेच दी जमीन
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी राजेश कुमार जैन ने बताया कि बिल्डर आदर्श अग्रवाल ने उनसे जमीन का इकरारनामा किया और बाद में सुनील निगम के साथ मिलकर उसी जमीन को अन्य लोगों को बेच दी। दरअसल, जेडीए ने योजना क्रं 41 में मूल रूप से रनिया बाई से जमीन अधिग्रहीत की थी। बाद में जेडीए ने रनिया बाई चक्रवर्ती को 19,800 वर्गफुट के 11 प्लॉट दिए।
Jabalpur 45 लाख रुपए का भुगतान लिया
रनिया ने बिल्डर अग्रवाल को उक्त प्लॉट बेचने 2007-08 में मुत्यारनामा किया। अग्रवाल ने उन प्लॉटों को याचिकाकर्ता राजेश जैन को बेचने का अनुबंध कर 45 लाख रुपए का भुगतान भी लिया। उसने रनिया बाई व अन्य से एक रजिस्टर्ड मुत्यारनामा भी बनवा लिया कि इस जमीन के मालिक राजेश जैन रहेंगे।
Jabalpur अन्य को बेचने का किया सौदा
बाद में अग्रवाल और निगम ने उसी जमीन को अन्य को बेचने का सौदा किया और एडवांस रकम भी ले ली। याचिकाकर्ता की शिकायत पर एसपी ने सीएसपी ओमती को जांच के निर्देश दिए। जांच में फर्जीवाड़ा की बात सामने आई। इसके बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।
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