जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद बोस मेडिकल कॉलेज में दो दिन पहले मरीज के परिजनों व जूनियर डॉक्टरों के बीच हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो दिन शनिवार से जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद हड़ताल शुरू कर दी है। जिसका पहले दिन ही असर देखने मिला, वहीं दूसरे दिन रविवार को मरीजों की आफत बढ़ गई। वाडऱ्ों में भर्ती मरीज व उनके परिजन परेशान होते रहे, लेकिन उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिला। वहीं जूनियर डॉक्टरों ने सुबह प्रदर्शन कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए गिरफ्तार साथियों को छोडऩे की मांग की।
रेसीडेंट डॉक्टरों ने संभाली कमान
मेडिकल प्रबंधन जूडा से बातकर मामले का समाधान निकालने में लगा हुआ है। सुबह प्रदर्शन करने एकत्रित हुए जूनियर डॉक्टरों ने आदित्य हॉस्पिटल की रिपोर्ट के बाद गिरफ्तार किए गए तीन जूनियर डॉक्टरों को छोडऩे के लिए दबाव बनाया। इसके साथ ही मारपीट करने वाले मरीज के परिजनों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद प्रबंधन ने रेसीडेंट डॉक्टरों को मरीजों के उपचार के लिए तैनात कर दिया है। नर्सिंग स्टाफ को भी चौकस रहने के लिए कहा गया है। इस बीच मेडिकल परिसर में सन्नाटे का माहौल रहा। अस्पताल के बाहर की दुकानें भी दहशत के साए में खुली रहीं हैं। अधिकतर दुकानदारों ने आधी शटर खोलकर काम चलाया।
छुट्टी लेने लगे मरीज
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल और मारपीट की घटना के चलते अधिकतर मरीजों के परिजन डॉक्टरों के पास मरीज की छुट्टी कराने के लिए पहुंच रहे हैं। रेसीडेंट डॉक्टरों द्वारा उन्हें समझाया जा रहा है, किंतु अधिकतर परिजन छुट्टी कराने अड़े हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है।
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