वहीं एसआइटी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सरबजीत सिंह मोखा ने बेटे हरकरण के साथ आपराधिक षड्यंत्र रचा। नकली रेमडेसिविर कहां से आए और कहां जा रहे हैं, इसका खुलासा न हो सके, इसलिए मोखा ने बेटे के साथ मिलकर उसके दोस्त को मोहरा बनाया। मोखा और उसके बेटे ने धनवंतरी नगर निवासी दिव्यांश दुबे की आइडी का उपयोग कर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन इंदौर से बुलवाए। एसआइटी ने दिव्यांश से भी पूछताछ की।
हरकरण ने मांगी थी आइडी
दिव्यांश ने एसआइटी के सामने कबूला कि हरकरण उसका पुराना दोस्त है। हरकरण ने उससे उसकी आइडी मांगी थी। उसे इस बात की बिल्कुल भी भनक नहीं थी कि हरकरण या उसके पिता सरबजीत सिंह मोखा उसकी आइडी का गलत उपयोग कर सकते हैं। दिव्यांश के न्यायालय में 164 के बयान दर्ज कराए गए।
अम्बे ट्रेवल्स से मिला था सुराग
इंदौर से अम्बे ट्रेवल्स के जरिए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर आए और फिर सिटी अस्पताल पहुंचे। यह पता चलने के बाद टीम जबलपुर स्थित अम्बे ट्रेवल्स के कार्यालय पहुंची। वहां 23 और 28 अप्रेल को इंदौर से आने वाले पार्सलों का रिकॉर्ड चैक किया, तो एसआइटी को उसमें दिव्यांश की आइडी मिली थी।
स्कूल से है गहरी दोस्ती
पुलिस को जांच में पता चला कि हरकरण और दिव्यांश दोनो स्कूल में साथ पढ़े हैं। दोनों में गहरी दोस्ती है। हरकरण अक्सर उसे लेने धनवंतरी नगर स्थित उसके घर जाता था। जिसके बाद धनवंतरी नगर के ही अन्य दोस्तों के साथ मिलकर हरकरण और दिव्यांश शहर के एक क्लब में जाकर पार्टी करते थे।
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी जसमीत कौर और अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ल को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने नकली रेमडेसिविर से जुड़े अहम सबूत नष्ट करने का प्रयास किया है। मामले की जांच जारी है।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी