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जबलपुर कलेक्टर की अंतिम चेतावनी, बोले 20 फरवरी के बाद लगा देंगे ताला

जबलपुर कलेक्टर की अंतिम चेतावनी, बोले 20 फरवरी के बाद लगा देंगे ताला
 

जबलपुरFeb 11, 2023 / 11:26 am

Lalit kostha

Jabalpur Garment Cluster

garment cluster

जबलपुर. रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर की बंद 40 इकाइयों को खोलने के लिए अंतिम चेतावनी दी गई है। यदि 20 फरवरी तक इनका संचालन शुरू नहीं होता, तो निरस्त कर जाएगा। शुक्रवार को कलेक्टर की अध्यक्षता में क्लस्टर के कॉमन फैसिलिटी सेंटर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। वर्ष 2014 में इकाइयों का आवंटन किया गया था। क्लस्टर पूरी तरह से चालू नहीं होने के कारण इसका विकास भी थमा हुआ है।

 

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रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर की 40 इकाइयों को चेतावनी
आठ साल में शुरू नहीं किया कारखाना
20 फरवरी के बाद आवंटन होगा निरस्त

यह है स्थिति

● शहर में 500 इकाइयों में वस्त्रों का हो रहा उत्पादन।
● 300-400 करोड़ है वार्षिक टर्नओवर।
● 25 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिला।
● आठ एकड़ में स्थापित है रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर।
● 200 इकाइयां स्थापित। 146 बड़ी इकाई और 54 छोटी ।
● बनते हैं सलवार सूट, शर्ट, सूट और बच्चों के कपडे़।

गोहलपुर लेमा गार्डन में संचालित रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर में 200 इकाइयां हैं। इनमें सलवार सूट, शर्ट, लोवर और दूसरे कपड़े बनाए जाते हैं। 40 इकाइयां ऐसी हैं, जिनके शटर अभी तक नहीं खुले हैं। कई बार मिली चेतावनी का असर इन पर नहीं हुआ है। ऐसे में क्लस्टर पूरी तरह शुरू नहीं हो पाया है। परिसर के रखरखाव के लिए खर्च निकालन भी संचालक मंडल के लिए मुश्किल हो रहा है। अब सभी इकाइयों को खोलने के लिए कहा जा रहा है।

 

Jabalpur readymade garments clusters
IMAGE CREDIT: gyani prasad

कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने कहा कि इकाईधारक अपनी इकाइयों को शुरू करें। उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक विनीत रजक से कहा कि वे इस मामले में कार्रवाई कराएं। जो इकाईधारक इस अवधि में उत्पादन शुरू नहीं करता, उसकी इकाई को निरस्त कर प्रतीक्षा सूची में शामिल कारोबारियों को इसका आवंटन करें।

लॉटरी से हुआ था आवंटन

जबलपुर में क्लस्टर के नाम पर यह पहला प्रोजेक्ट है। जब केंद्र सरकार से इस परियोजना के लिए राशि स्वीकृत हुई, तब निर्माण कार्य शुरू हुआ। इस बीच 16 दिसंबर 2014 को 2 सौ में से 146 बड़ी निर्माणाधीन इकाइयों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया गया था। इस काम को हुए 8 साल से ज्यादा का समय हो चुका है। इतनी अवधि में भी कई कारोबारियों ने कपड़ों का उत्पादन शुरू नहीं किया है। कई बार बैठकों में चेतावनी दी गईं, लेकिन एक भी इकाई का निरस्तीकरण नहीं किया गया। इकाईधारकों की तरफ अपनी इकाई नहीं खोलने का कोई न कोई बहाना बना दिया जाता है।

 

Readymade Garment cluster
IMAGE CREDIT: gyani prasad

नहीं बने डोरमेट्री और रेस्टारेंट

आठ एकड़ भूमि पर 60 करोड़ की लागत से स्थापित क्लस्टर में केंद्र सरकार, राज्य शासन और खुद इकाई धारकों का अंशदान मिला हुआ है। इसमें 146 बड़ी इकाइयों का निर्माण किया गया है। 54 छोटी इकाइयां तैयार की गई हैं। इसी प्रकार तैयार कपड़ों की धुलाई तथा रंगाई के लिए उपक्रम स्थापित किए गए हैं। इसकी मशीन आए 5 साल हो चुका है। इसी परिसर में कारोबारियों को तकनीकी सहयोग के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया गया है। इसमें कार्यालय तो चल रहा है लेकिन राशि के अभाव में बाहर से आने वाले कारोबारियों के लिए डोरमेट्री और रेस्टारेंट का निर्माण अब तक नहीं हो सका है।

बंद इकाईधारकों को 20 फरवरी तक का समय दिया गया है। इस अवधि में यदि इनका संचालन प्रारंभ नहीं होता है तो नियमानुसार इनका आवंटन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

दीपक जैन, प्रबंध संचालक, जबलपुर गारमेंट एंड फैशन डिजाइन क्लस्टर एसोसिएशन

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