सेना धनुष तोप को 15 जनवरी को आर्मी डे पर होने वाले कार्यक्रम में भी शक्तिशाली और अहम हथियार के रूप में प्रदर्शित करना चाहती है। जीसीएफ प्रशासन इस साल सेना को 12 धनुष तोप दे रहा है। इसमें से छह तोप पहले ही सेना के सुपुर्द की जा चुकी है। शेष छह तोप तैयार की जा रही हैं। हालांकि मटेरियल की कमी से काम उतनी तेजी से नहीं हो रहा है।
यह तोप कई दौर के परीक्षणों से गुजरी है। 4 हजार 500 से ज्यादा राउंड गोला इस दौरान दागे गए। अभी देश में ऐसी कोई भी तोप नहीं है, जिसका परीक्षण इस स्तर पर किया गया हो। खासियत यह रही कि कुछ मौकों पर छोडकऱ तोप का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। सेना के पास मौजूदा समय में इससे ज्यादा रेंज वाली तोप नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड है। इसमें इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया कि लक्ष्य को आसानी से भेदा जा सके। 30 से 40 किमी की दूरी तक फायर करने वाली इस तोप को सीमाओं पर तैनात करने की तैयारियां की जा रही हैं।
रजनीश जौहरी, वरिष्ठ महाप्रबंधक जीसीएफ