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जबलपुर

republic day 2018: दुश्मनों के छक्के छुड़ा देती है ये देशी बोफोर्स, राजपथ पर दिखता है इनका जलवा

दुश्मन को नेस्तनाबूद करने का दम रखती है धनुष तोप, सेना ने बेड़े में किया शामिल

जबलपुरJan 23, 2018 / 09:43 pm

Premshankar Tiwari

Republic Day event 2018

आकर्षण का केन्द्र बनी जबलपुर की धनुष तोप

जबलपुर। हर भारतीय के लिए गौरव का दिन यानी गणतंत्र दिवस दस्तक दे रहा है। यही वह दिन है जब देश का संविधान अस्तित्व में आया था। गणतंत्र की स्थापना के बाद से ही दिल्ली के राजपथ पर जबपलुर अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराता चला आ रहा है। इस बार भी सैन्य संस्थानों में राजपथ पर प्रदर्शित होने वाली झांकियों की तैयारी का दौर चल रहा है। पिछली बार यानी 68 वें गणतंत्र दिवस समारोह में देशी बोफोर्स के नाम से ख्यात जबलपुर की धनुष तोप चर्चा का विषय रही। इस तोप का निर्माण गन कैरिज फैक्ट्री जबलपुर (जीसीएफ) में किया गया है। यह तोप दुश्मन को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने का माद्दा रखती है।

अहम प्रोजेक्ट
रक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार धनुष तोप रक्षा मंत्रालय के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में शामिल रही है। इसके सफल परीक्षण से देश की सेना को मजबूती मिली है। 38 किमी दूरी तक मार करने वाली देश की सबसे बड़ी तोप धनुष को देश और दुनिया के लोग देखकर दंग रह गए। पिछली बार दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में इसका प्रदर्शन किया गया था। इस तोप को पूरे देश में खासी सराहना मिली थी।

ये हैं धुनष तोप की हैं खासियत
– 03 फायर प्रति मिनट में डेढ़ घंटे तक लगातार दागने में सक्षम
– 155 एमएम बैरल से 38 किमी दूरी तक निशाना साधने में सक्षम
– 12 फायर प्रति मिनट करने की क्षमता
– 46.5 किलोग्राम का गोला इससे दागा जा सकता है

38 किमी तक मार
गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में बनी स्वदेशी बोफोर्स धनुष तोप थलसेना की नई ताकत बन गई है। सेना के पास 38 किमी दूरी तक निशाना साधने वाली यह एकमात्र तोप है। जीसीएफ में अब तक 12 धनुष तोप का निर्माण हो चुका है। सेना ने इसे निम्न एवं उच्च तापमान में परखा है। देश में पांच जगहों पर हुए परीक्षण में फायरिंग के परिणाम सकारात्मक आए हैं।

देशी संस्करण है धनुष
बताया गया है कि155 एमएम 45 कैलीबर की धनुष तोप बोफोर्स तोप का स्वदेशी संस्करण है। जीसीएफ ने कानपुर ऑर्डनेंस फैक्ट्री और 506 आर्मीबेस वर्कशॉप की सहायता से इसे अपग्रेड किया है। जीसीएफ में प्रोजेक्ट वर्ष 2011 में शुरू हुआ था। एक साल में दो प्रोटोटाइप तैयार किए गए। इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में आमूलचूल परिवर्तन के साथ अपग्रेडेशन में सटीक निशाना, संचालन, संचार व मारक क्षमता में आधुनिक तकनीक ों का इस्तेमाल किया गया है। इसका पहला परीक्षण मध्यप्रदेश के इटारसी रेंज में हुआ। इसके बाद लगभग 8 बार से ज्यादा फायरिंग हो चुकी है। इनका लद्दाख, पोकरण, बालासोर, सिक्किम और इटारसी समेत कई जगहों में अलग-अलग जलवायु में परीक्षण किया गया, जिसमें वह सफल रही।

ये भी हैं विशेषताएं
इलेक्ट्रॉनिक, राडार कंट्रोल, सीसीडी कैमरा, उच्च स्तरीय संचार प्रणाली, कम्प्यूटर से नियंत्रण, टारगेट सेट करने की प्रणाली।

दुनिया की शीर्ष पांच तोपों में शामिल
1. बोफोर्स बीओ-5 (स्वीडन)
2. एम 46-एस (इजराइल)
3. जीसी 45 (कनाडा)
4. नेक्सटर (फ्रांस)
5. धनुष (भारत)

सेना को दी भेंट
जीसीएफ में अनेक तोप तैयार हो चुकी हैं। छह तोप का निर्माण इंटरनल ट्रायल के लिए किया गया था। कुछ तोप यूजर ट्रायल के लिए दी गई हैं। इनमें से कुछ तोपें सेना को इस्तेमाल के लिए दी जा चुकी हैं। अब तक ४500 से ज्यादा राउंड फायर हो चुके हैं। इसकी शुरुआत 2 दिसम्बर 2012 को इटारसी के ताकू पू्रफ रेंज से हुई थी। महाराष्ट्र में नासिक के देवलाली स्थित स्कूल ऑफ आर्टिलरी में भी तोप का प्रदर्शन किया गया जो शानदार रहा।

नई तोपों का आर्डर
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार जीसीएफ को नए वित्तीय वर्ष के लिए ऑर्डर पहले ही मिल चुका है। इनका निर्माण भी शुरू हो गया है। गौरतलब है कि 90 के दशक में भारत सरकार ने स्वीडन से करीब 410 बोफोर्स तोप का सौदा किया था। इस पर विवाद भी हुआ था। काफी समय तक तोप की खरीदी नहीं हुई थी। वर्तमान में सेना के पास 250 से अधिक बोफोर्स तोप हैं, जो वर्तमान परिस्थितियों के मुताबिक खरी नहीं उतरतीं। इसलिए आयुध निर्माणी बोर्ड को सेना ने स्वदेशी बोफोर्स तोप तैयार करने का प्रोजेक्ट दिया था।

देशी और बोफोर्स तोप में अंतर
अंतर बोफोर्स धनुष
कैलीबर 39 – 45
रेंज (किमी) 27 – 38
परिचालन – मैन्युअल – ऑटोमैटिक
रेट ऑफ फायर (प्र/मि) 10 – 10
एमुनेशन – ओल्ड वर्जन न्यू – 8 प्रकार के एमुनेशन

लगे भारत माता के जयकारे
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर पिछली बार देशी बोफोर्स धनुष का प्रदर्शन जबलपुर में भी पर किया गया। इस तोप को देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। लोगों ने इसकी मारक क्षमता से लेकर विभिन्न खूबियों की जानकारी भी ली। तोप के प्रदर्शन के दौरान भारत माता की जय हो… जैसे नारे लगते रहे। प्रदर्शनी के दौरान एलपीटीए सैन्य वाहन, स्टालियन, वॉटर बोउजर, किचन कंटेनर, बैटरी कमांड वाहन का भी प्रदर्शन किया गया था। जीसीएफ के अधिकारी इस साल भी कुछ स्पेशल करने के मूड में हैं, लेकिन अभी उन बातों को गोपनीय रखा है।

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