इस कदम का उद्देश्य शहर को झुग्गीमुक्त बनाना है। साथ ही ये सुनिश्चित करना भी है कि सब्सिडी का लाभ सही लोगों तक पहुंचा की नहीं। हालांकि, नगर निगम को इस टैक्स से अधिक आर्थिक लाभ नहीं होगा, लेकिन ये आवास अन्य संपत्तियों की तरह टैक्स रिकार्ड में दर्ज होंगे।
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राजस्व निरीक्षकों को आवासों की सूची भेजी गई है, जो जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत शहरी गरीबों के लिए हैं। ये सत्यापन दशहरा के बाद शुरु किया जाएगा, जिससे ये सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी संबंधित आवासों की जानकारी सही और अद्यतन है। ये प्रक्रिया शहरी विकास और योजनाओं की पारदर्शिता के लिए जरूरी है।
नगर निगम द्वारा भेजी गई आवासों की सूची निम्नलिखित है
ब्रजमोहन नगर में 2615, महाराजपुर में 1008, गढ़ा पुरवा में 224, कटियाघाट में 144, गौरैयाघाट में 272, करियापाथर में 144, एमएलबी स्कूल के पास 84, चौधरी मोहल्ला में 14 और लेमा गार्डन में 434 मकान निर्माण कर निम्न आय वर्ग के लोगों को आवंटित किए हैं। यह भी पढ़ें- Dussehra 2024 : भोलेनाथ की इस नगरी में नहीं होता रावण दहन, प्राचीन काल से चली आ रही है दिलचस्प परम्परा किराए पर चल रहे आवासों के खिलाफ होगी कार्रवाई
नगर निगम द्वारा आवंटित कई मकान किराए पर चलाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मकान लेने वाले ज्यादातर लोग पुरानी जगह पर ही रह रहे हैं। मकान को किराए पर चलाकर कमाई कर रहे हैं। नगर निगम ऐसे लोगों से भी टैक्स वसूल नहीं कर पा रहा है। सत्यापन के दौरान मकान किराए पर दिए जाने की पुष्टि होने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।