जबलपुर। मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को ठेके पर दिए जाने सम्बंधी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया कि स्वास्थ्य सुविधाओंं को ठेके पर देकर निजीकरण की प्रक्रिया की जा रही है। इससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मुसीबत होगी।
याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश संजय यादव की खंडपीठ ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग, डायरेक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, ठेका लेने वाली संस्था बड़ौदा के दीपक फाउंडेशन को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
यह जनहित याचिका जन अभियान की प्रदेश कोर ग्रुप सदस्य अमूल्य निधि की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि प्रदेश सरकार द्वारा जनभागीदारी योजना के तहत 27 जिलों की स्वास्थ्य सेवाएं ठेके पर देने की तैयारी की जा रही है। अलीराजपुर जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं को ठेके पर देने के लिए बड़ौदा के दीपक फाउंडेशन से अनुबंध भी कर लिया गया है। जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उसका रिकॉर्ड स्वयं इस क्षेत्र में खराब है। यही नहीं नियुक्ति सम्बंधी अधिकार भी कंपनी को दिए गए हैं। याचिकाकर्ता ने निजी संस्था को फायदा पहुंचाने का आरोप भी याचिका में लगाया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश चंद्र ने पैरवी की।
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