बेटी ने लगाया था रेप का केस
मामला कुछ इस तरह है कि भोपाल के छोला इलाके में रहने वाली एक युवती ने 21 मार्च 2012 को अपने नाना के साथ थाने पहुंचकर पिता के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच करने के बाद पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया और सेशन कोर्ट ने 15 फरवरी 2013 को पिता को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। जिसके बाद पिता ने साल 2013 में सजा के खिलाफ कोर्ट में हाईकोर्ट में अपील पेश की थी।
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12 साल बाद मिला इंसाफ
सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में पेश की गई अपील पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने पिता को बरी करने के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट ने बेटी के द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप को झूठा पाया है। इतना ही अपने आदेश में हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि अभियोजन पक्ष योग्यता के आधार पर अपना केस स्थापित करने में पूरी तरह से विफल रहा है।
बॉयफ्रेंड के कहने पर पिता पर किया रेप का केस
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात ये है कि बेटी को पिता ने उसके बॉयफ्रेंड के साथ देख लिया था और उसे जमकर डांटा भी था। इसी के बाद बेटी ने अपने बॉयफ्रेंड के बहकावे में आकर पिता के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। हाईकोर्ट में पिता की पैरवी करने वाले वकील विवेक अग्रवाल ने हाई कोर्ट में बताया कि पीड़िता ने खुद अपने बयान में यह कहा है कि उसके पिता ने उसे प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। साथ ही जमकर डांट लगाई थी। इसके बाद लड़की ने प्रेमी के बहकावे में आकर साथ मिलकर पिता के खिलाफ ही दुष्कर्म का केस दर्ज करवा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब 12 साल जेल में रहने के बाद पिता को इंसाफ मिला है और उसे जेल से रिहाई मिली है।