जबलपुर हाईकोर्ट ने हाईस्कूल शिक्षक भर्ती नियमों में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए दो दिन की मोहलत दी गई है। मामला आरक्षित उम्मीदवारों को योग्यता में छूट से संबंधित है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने यह निर्देश दिए।
यह भी पढ़ें: फंस गए विधायक, रद्द हो सकती है सदस्यता! हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए खारिज कर दीं आपत्तियां हरदा की शिवानी शाह सहित प्रदेशभर से कई उम्मीदवारों ने इस संबंध में याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा 17 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया लेकिन 12 हजार पदों पर ही नियुक्ति की गईं। 5 हजार पद रिक्त हैं।
कोर्ट में प्रस्तुत शपथ पत्र में डीपीआई ने बताया कि याचिका कर्ताओं के अंक 50 प्रतिशत से कम तथा 45 प्रतिशत से अधिक हैं लेकिन उनकी अंकसूची में तृतीय श्रेणी लिखा होने के कारण नियुक्ति नहीं दी गई। कुछ शिक्षकों की स्नातकोत्तर (पीजी) की अंकसूची में 45 प्रतिशत से ज्यादा लेकिन 50 प्रतिशत से कम अंक हैं। इनकी अंकसूची में द्वितीय श्रेणी लिखी है, जिसके कारण 448 उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई है।
सरकार द्वारा प्रस्तुत रिकार्ड को हाईकोर्ट ने अपर्याप्त बताते हुए इस विवादित नियम को तत्काल संशोधित कर कोर्ट को सूचित करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए सरकार को 2 दिनों की मोहलत दी गई है। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि क्या याचिकाकर्ताओं को हाई स्कूल शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी जा सकती है! मामले पर अगली सुनवाई 18 दिसंबर को रखी गई है।