प्रेमिका की भी हत्या करने का मुकुल का था इरादा, साथ भागने पर बदल गया मन
जबलपुर . दोहरे हत्याकांड के आरोपी मुकुल के इरादे बेहद खतरनाक थे। उसने पुलिस के सामने अपने सीने पर बनवाए टैटू का राज खोला, तो सब सन्न रह गए। टैटू में पांच खोपडिय़ां हैं। मुकुल ने बताया कि पांच सिर मतलब पांच शिकार। वह पांच लोगों की हत्या करना चाहता था। इसमें पहला राजकुमार, दूसरी नाबालिग की मौसी, तीसरा उसे पहले गिरतार करने वाला एएसआई, चौथा कॉलोनी का सुरक्षाकर्मी था। पांचवीं थीं उसकी नाबालिग प्रेमिका। मौका पडऩे पर वह उसे भी रास्ते से हटा देता। लेकिन, बाद में प्रेमिका को लेकर उसका इरादा बदल दिया।
रेलवे कॉलोनी दोहरा हत्याकांड: जेल से छूटने पर रची थी साजिश मुकुल ने पुलिस को बताया कि जिस कुल्हाड़ी से उसने वारदात को अंजाम दिया, उसे उसने बेंगलूरु में दोस्त के यहां छिपाया है। एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि हत्याकांड के पीछे पॉक्सो एक्ट के तहत मुकुल के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे का प्रतिशोध था। नाबालिग के पिता ने यह एफआइआर कराई थी, जिसमें मुकुल को गिरतार कर जेल भेजा गया था। वह छूटा तो हत्या की साजिश बनाने लगा। इसमें नाबालिग को भी मिला लिया, जो पिता पर दोस्त के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए जाने से नाराज थी।
उस रात की कहानी एसपी के अनुसार 14 की रात आरोपी मुकुल तड़के राजकुमार के घर पहुंचा। नाबालिग ने दरवाजा खोला। उस समय उसके पिता सो रहे थे। मुकुल ने उनके सिर पर भारी चीज से वार किया, फिर कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। तब नाबालिग भी पिता के पास ही थी। इसी दौरान उसका भाई तनिष्क जाग गया। उसके बिस्तर से नीचे आते ही मुकुल ने उसे भी दबोच लिया और सिर सहित शरीर के अन्य हिस्सों को तोड़ दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों के शरीर में मल्टीपल फ्रैक्चर निकले थे। मुकुल शव के टुकड़े करने के लिए गैस कटर लाया था। लेकिन, सुबह हो जाने पर राजकुमार का शव पॉलीथिन से लपेटकर बिस्तर पर रख दिया और तनिष्क के शव को पॉलीथिन में बांधकर फ्रिज में भर दिया। नाबालिग अपने दोस्त के साथ पिता और भाई के शव के बीच कमरे में आठ घंटे बिताए। इस दौरान दोनोंने मैगी खाई। दोपहर अलग-अलग बाहर निकले और फिर स्कूटी से भाग निकले।
पिता का अकाउंट खाली कर निकली दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। लेकिन, नाबालिग के पिता राजकुमार ने शादी क प्रस्ताव को ठुकरा दिया। हत्या के बाद नाबालिग ने पिता के अकाउंट से दोस्त की मदद से दूसरे मोबाइल पर ऑनलाइन ट्रांसफर किया था। दोनों कटनी, इंदौर, बेंगलूरु, पुणे, मुंबई, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, शिलांग (मेघालय), झांसी, आगरा, चंडीगढ, अमृतसर, हरिद्वार समेत देश के कई जिलों में घूमे। दस्तावेज न होने के कारण वे नेपाल नहीं जा पाए।
मुंह बांधकर पहुंचा थाने, कहा मैं मुकुल नाबालिग दोस्त के पकड़े जाने के बाद मुकुल बिना टिकट हरिद्वार से जबलपुर आया। शुक्रवार रात 12 बजे वह ट्रेन से उतरा। मुंह बांधा और पैदल सिविल लाइंस थाने पहुंच गया। थाने के भीतर उसने मुंह खोला और कहा मैं मुकुल हूं। रेलवे कॉलोनी मर्डर वाला। यह सुनते ही अधिकारी और जवानों के होश उड़ गए। उसे तत्काल हिरासत में ले लिया गया। मुकुल ने सरेंडर इसलिए किया, क्योंकि उसे डर था कि कहीं नाबालिग पूरी वारदात उसके सिर न मढ़ दे।