नक्षत्र- रात्रि 10.2 तक क्षिप्र लघुसंज्ञक नक्षत्र अश्विनी उपरंात भरणी नक्षत्र रहेगा। अश्विनी नक्षत्र मूलत: मूल संंज्ञक नक्षत्र है, इस नक्षत्र में जन्मे जातक की मूल शंाति अवश्य करवानी चाहिए। जन्म के सत्ताइसवें दिन नक्षत्र पुनरावृत्ति के मृल शंाति करवाना जातक के जीवन में शुभता तथा मंगलमयता प्रदान करने वाला माना जाता है।
शुभ मुहूर्त – आज नामकरण, अन्नप्रासन, विपणि व्यापारारंभ, पत्र लेखन, कार्यारंभ, नववस्त्रधारण, पौधरोपण, शिल्प विद्यारंंंंभ जैसे कार्य शुभ तथा मंगलकारी रहेंगे।
श्रेष्ठ चौघडि़ए- आज प्रात: 6.00 से 9.00 लाभ, अमृत दोपहर 4.30 से 6.00 लाभ एवं रात्रि 7.30 से 10.30 शुभ तथा अमृत की चौघडिया शुभ मंगलकारी मानी जाती है।
व्रतोत्सव- आज हलषष्ठी व्रत, चम्पा षष्ठी व्रत का व्रत व्रतोत्तसव पर्व रहेगा। संतान की दीर्घायु हेतु यह व्रत माताओं के लिए उत्तम माना जाता है।
चन्द्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक सूर्य प्रधान राशि मेष राशि में संचरण करेगा।
ग्रह राशि नक्षत्र परिवर्तन: सूर्य के सिंह राशि में गुरु वृश्चिक राशि में तथा शनि धनु राशि के साथ सभी ग्रह यथा राशि पर स्थित हैं। सूर्य का मघा नक्षत्र में संचरण रहेगा।
दिशाशूल: आज का दिशाशूल उत्तर दिशा में रहता है, इस दिशा की व्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है। चन्द्रमा का वास पूर्व दिशा में है, सन्मुख एवं दाहिना चन्द्रमा शुभ माना जाता है।
राहुकाल: दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे – आज जन्मे बालकों का नामाक्षर चू,चे,चो ल अक्षर से आरंभ कर सकते हैं। अश्विनी नक्षत्र में जन्मे बालकों की राशि मेष होगी, राशि स्वामी मंगल तथा सुवर्णपाद पाया में जन्म माना जाएगा। मेष राशि के जातक प्राय: अनुसाशन प्रिय, कार्यकुशल, संगठक, समाजसेवी, निपुण, कलाप्रेमी, विचारशील, मननशील, स्वावलम्वी तथा विनोद प्रिय स्वभाव के होते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सफल रहते हैं।