जबलपुर

झारखंड के इस गैंगेस्टर से पूछताछ करने में घबरा रही जबलपुर पुलिस

gangster:झारखंड में गिरफ्तार, फिर भी ओमती में दर्ज फर्जीवाड़े की विवेचना लम्बित, विवेचना में लापरवाही करने वाले तत्कालीन निरीक्षक नीरज वर्मा की बढ़ सकती है मुसीबत, सीएसपी की टीप वाला प्रतिवेदन एसपी को भेजा गया

जबलपुरSep 15, 2019 / 11:54 pm

santosh singh

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जबलपुर. रंगदारी और अपराध से जुटाई गई अकूत सम्पत्ति बनाने वाले झारखंड (Jharkhand) के गैंगेस्टर (gangster) के खिलाफ ओमती थाने में दर्ज धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े के मामले में विवेचना में की गई लापरवाही तत्कालीन निरीक्षक नीरज वर्मा की मुसीबत बढ़ा सकती है। गैंगेस्टर (gangster) की जमशेदपुर में गिरफ्तारी की सूचना के बाद भी ओमती पुलिस ने उससे पूछताछ करने और ट्रांजिट रिमांड पर लेने का प्रयास नहीं किया। हालांकि इस सम्बंध में सीएसपी ओमती की ओर से कई पत्र और स्पष्टीकरण मांगा गया। अब विवेचना में की गई लापरवाही पर दंड की अनुशंसा वाली टीप एसपी को भेजी गई है।
ये हुई लापरवाही
ओमती थाने में तीन जुलाई 2018 को अपराध क्रमांक 341 के अंतर्गत 419, 420, 467, 468, 471,120 बी का प्रकरण दर्ज किया गया था। मामले में झारखंड के सिदकगोडा पूर्वी सिंहभूमि जमशेदपुर निवासी गैंगेस्टर अखिलेश सिंह (Gangster Akhilesh Singh), उसकी पत्नी गरिमा सिंह को आरोपी बनाया गया है। दोनों को झारखंड की जमशेदपुर पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। वर्तमान ममें वे जेल में हैं। इसके बाद भी पूर्व टीआई नीरज वर्मा ने विवेचना का निराकरण करने का प्रयास नहीं किया। सीएसपी ने 25 जुलाई 2019 को विवेचना में लापरवाही, शिथिलता, उदासीनता बरतने के मामले में दंडित करने की संस्तुति करते हुए एएसपी सिटी के माध्यम से एसपी को टीप भेजी है।
फर्जी दस्तावेजों से शहर में खरीदी आठ करोड़ की प्रॉपर्टी
गैंगेस्टर अखिलेश सिंह और उसकी पत्नी गरिमा सिंह ने जबलपुर में 2012 में फर्जी दस्तावेजों से शहर में आठ करोड़ की सम्पत्ति खरीदी। न्यू रामनगर अधारताल में एक एकड़ जमीन है, जिसकी कीमत पांच करोड़ बताई गई है। तिलहरी स्थित राजुल टाउनशिप में दो करोड़ के दो फ्लैट, नीमखेड़ा बरेला में छह हजार वर्गफीट का भूखंड खरीदा है। इन सम्पत्तियों की रजिस्ट्री पैनकार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि दस्तावेजों के माध्यम से कराई गई है। दस्तावेजों में अखिलेश ने खुद को संजय सिंह और पत्नी गरिमा सिंह को अन्नू सिंह दर्शाया है। रजिस्ट्री के एवज में कैश भुगतान किया गया है। भुगतान अखिलेश ने ही किया था।
हार्डकोर क्रिमिनल है अखिलेश
झारखंड पुलिस ने एक साल पहले नोएडा में अखिलेश की घेराबंदी की तो उसने फायर कर दिया था। पुलिस की फायरिंग में उसके पैर में गोली लगी, तब उसकी काली कमाई का खुलासा हुआ था। अखिलेश की ससुराल बनारस में है। उसके ससुर वहां के मॉल में सिक्योरिटी गार्ड थे। फरारी के दिनों में उसने ससुर के यहां शरण ली थी। फिर बेटी गरिमा सिंह से शादी की और धमका कर सिक्योरिटी कम्पनी को टेकओवर कर ससुर को उसका मालिक बना दिया।
…वर्जन…
अखिलेश को जबलपुर में पेश करने के लिए यहां की कोर्ट से झारखंड के जमशेदपुर पुलिस को ट्रांजिट रिमांड जारी किया गया है। वह हार्डकोर अपराधी है।
एसपीएस बघेल, टीआई ओमती

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