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जबलपुर

देश में सबसे तेज WCR में दौड़ रही मालगाड़ी, फास्ट डिलेवरी से माल ढुलाई भी बढ़ी

– तीन महीनों से माल गाडिय़ों की उच्चतम गति को बनाए रखकर भारतीय रेल

जबलपुरMay 29, 2021 / 08:20 pm

गोविंदराम ठाकरे

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जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल में शत प्रतिशत विद्युतीकरण के बाद अब इनके ट्रैक पर गुड्स ट्रेनें फर्राटा भर रही है। देश में सबसे तेज पमरे में मालगाडिय़ां दौड़ रही है। लगातार तीन महीने से माल गाडिय़ों की सबसे ज्यादा गति बनाए रखकर भारतीय रेलवे में पमरे फिर अव्वल बना हुआ है। रेल जोन में इस वर्ष अप्रैल माह में अब तक की सबसे ज्यादा गति( औसत 57.28 किमी/घंटा) से मालगाडिय़ां दौड़ी है। ये जानकारी शुक्रवार को पमरे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी राहुल जयपुरियार ने पत्रकारों से बातचीत में दी। गुड्स ट्रेनों की गति में इजाफा होने से माल की डिलेवरी फास्ट हुई है। इससे अप्रैल माह में लदान का भी बढ़ गया है। पमरे ने वर्ष 2020-21 में 43.72 मीट्रिक टन माल ढुलाई की है, जो कि अब तक में सबसे ज्यादा है। लदान बढऩे से रेल राजस्व में भी इजाफा हुआ है। इस दौरान जनसम्पर्क अधिकारी आइए सिद्दकी उपस्थित थे।
इससे तेज गति से ट्रेन दौड़ाना सम्भव हुआ…
– पमरे के तीनों रेल मंडल में शत प्रतिशत मार्ग का विद्युतीकरण होना।
– कई सेक्शन में डबल/ट्रिपल टै्रक होने से मालगाड़ी की गति में वृद्धि।
– नौ इंटरमीडिएट ब्लॉक सिंग्नलिंग और 11 परमानेंट स्पीड रिस्ट्रक्शन (कॉशन ऑडर) समाप्त।
– सभी फस्र्ट लूप लाइन ट्रैक को बदलकर उसकी गति 30 किमी प्रतिघंटा की।
– 12 हजार हॉर्स पॉवर वाले वेग-12बी लोको इलेक्ट्रिकल इंजिन का उपयोग।
– नए इंजिन से कई बार सफर में पॉवर बदलने में लगने वाले समय की बचत हुई।
– पमरे में उच्च तकनीक और अधोसंरचना के उपयोग से पांच वर्ष में 120 गति प्रतिबंध हटाए।
– समय बचाने के लिए चालक के चेंजिंग प्वाइंअ पर बदलने के कार्य को साइन ऑन व ऑफ प्रक्रिया को कम्प्यूटरीकृत किया।
– मालगाडिय़ों की समय-सारणी पर लगातार नजर रखी गई। ट्रेन को जल्दी लाइन क्लियर दिए।
– क्रेक गुड्स ट्रेन चलाई। इसमें क्रू मेंबर्स एंड टू एंड बदलते है। इससे भी समय की बचत हुई। कोरोना संकट में डंटे रहे, तेजी से दौड़ाई ऑक्सीजन एक्सप्रेस-
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार कोविड काल में मरीजों की जान बचाने के लिए रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस दौड़ाई। इसमें अलग-अलग हाइट के टैंकर सहित कुछ तकनीकी बारीकियों के कारण ऑक्सीजन टे्रन का तेज संचालन कठिन था। लेकिन पमरे के अधिकारियों और कर्मचारियों ने चौबीस घंटे सतर्क रहकर ऑक्सीजन ट्रेन को 53-55 किमी प्रतिघंटा की औसत गति दौड़ाया। प्रदेश में अभी तक 19 ऑक्सीजन एक्सप्रेस आ चुकी है। इससे 58 टैंकरों में 25 सौ मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का परिवहन किया है।

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