जबलपुर में ग्वारीघाट के नजदीक स्थित सिद्ध गणेश मंदिर किसी चमत्कारी स्थल के रूप में जाना जाने लगा है। यहां सुनवाई खुद भगवान गणेश करते हैं। लेकिन, गणेश उत्सव में तो गजानन के पास बिल्कुल समय नहीं होता। यहां पूरे दिन दीन-दुखी अपनी अपनी अर्जी लेकर आते हैं। लोग सुबह से रात तक भगवान गणेश के चरणों में अपनी मनोकामना की अर्जी लगाते हैं। कहते हैं कि, बारह दिनों तक चलने वाले विनायक के जन्मोत्सव के दौरान भक्त उनसे जो भी मनोकामना करते हैं, वो पूरी जरूर होती है।
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भगवान को पढ़कर सुनाई जाती है अर्जी
सिद्ध गणेश मंदिर के प्रधान पुजारी के अनुसार, गजानन के इस विशेष मंदिर में मजदूर से लेकर जज तक अर्जी लगाने आते हैं। कोई नौकरी के लिए अर्जी लगाता है, तो कोई संतान प्राप्ति के लिए। यानी हर भक्त अपने अपने स्तर पर मनोकामना के लिए एक रजिस्टर में अपनी अर्जी लिखवाते हैं। इस अर्जी को मंदिर के पुजारी भगवान गणेश के सामने पढ़ कर सुनाते हैं। खास बात ये है कि, भगवान गणेश के इस दरबार में कोर्ट फीस भी लगती है, फीस के तौर पर एक नारियल भेंट किया जाता है। वैसे तो मंदिर में सालभर अर्जियां लगाई जाती हैं, लेकिन गणेश चतिर्थी के दिनों में इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है।
इस तरह मंदिर हो गया प्रसिद्ध
बता दें कि, साल 2000 में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था। उस समय मंदिर के नजदीक से छोटी रेल लाइन की पटरी निकली थी। रेलवे ने ब्रॉडगेज बनाने का ऐलान किया था और मंदिर की जमीन रेलवे की जमीन बन गई। मंदिर निर्माण के बीच प्रशासन ने काम रोकने का नोटिस जारी कर दिया। ऐसे में मंदिर की समिति की ओर से भगवान गणेश के सामने अर्जी दी गई और भगवान विघ्नहर्ता ने अर्जी पर तत्काल अपनी कृपा की। प्रस्तावित रेल लाइन यहां से आधा किलोमीटर दूर चली गई। तब से इस मंदिर को मनोकामनापूर्ति वाला स्थान माना जाने लगा। प्रधान पुजारी के अनुसार, मंदिर के पास मौजूद अर्जियों के अनुसार, अबतक 1 लाख से ज्यादा अर्जियां लगाई जा चुकी हैं।
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