EOW : महाकोशल क्षेत्र के विभिन्न जिलों में पांच फर्मों के संचालकों ने सड़क निर्माण कार्य के दौरान डामर के फर्जी बिल लगाकर 37 करोड़ रुपए का अवैध रूप से भुगतान प्राप्त कर मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण और शासन को चपत लगाई है। मामले की जांच के बाद राज्य आपराधिक प्रकोष्ठ(ईओडब्ल्यू) ने पांचों फर्मों के संचालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
इनमें दीनदयाल चौक डीडी कॉम्प्लेक्स के मेसर्स एडी कंस्ट्रक्शन के प्रोप्राइटर अनिल दुबे, मदन महल एकता विहार की मेसर्स विश्वकुसुम इन्फ्राटेक के अखिलेश मेहता, संजीवनी नगर की मेसर्स वैष्णव एसोसिएट्स के धर्मेंद्र प्रताप सिंह, मंडला महाराजपुर के मेसर्स लाल बहादुर यादव के प्रोप्राइटर लाल बहादुर यादव और मंडला बिछिया के मेसर्स अब्दुल अजीज के प्रोप्राइटर अब्दुल अजीज शामिल है।
EOW : इन सडक़ों के निर्माण का मिला था ठेका
ठेकेदारों की फर्मों को जबलपुर में एनएच-12 से बसेड़ी, मालाकला रोड से पथेरिया, सुआखेड़ा से हिनौतिया, एनएच 12 में पावला, एमडीआर से लुहारी, मालाकला से मालाघाट, एमडीआर से आरछा, एनएच-12 से बेलखेड़ी, एनएच-12 से झालोन, बघराजी पडुआ से सिमरया सिलौडी, पहाड़ीखेड़ा से महगवा, चरगवां से धरतीकछार, एनएच-12 से कटंगी, मानेगांव एनएच-12 से इमलिया, एनएच-12 से झालोन, एनएच-12 से बेलखेड़ी, एनएच-7 से मढ़ई वाया पहरुआ, एलपीआर से बंधी, सोनपुर से वीरनेर, पड़रिया से तिंदनी, लमकना से घानाकला, पड़वार से उमरिया, मझौली रोड से नंदाग्राम, एनएच-12 से राजोला, एल-43 से पिंडरई, इंद्रानगर भैरोघाट से महगवां खाप, एनएच-97 से पड़रिया महगवां, पिपरिया से एनएच-7, पौड़ी से मझगवां, हरदुआ से सिमरिया, एल-58 से सिंघनतलाई, ओडीआर-2 से भकलिया, ओडीआर-2 से नवनार, ओडीआर-2 से हरदुआ, एमडीआर-1 से चपोड, एमडीआर-1 से भौरदा और रिमझा से मुस्कारा तक की सडक़ों के निर्माण का ठेका दिया गया था। ठेकेदारों की फर्मों ने सडक़ों का निर्माण कराया, लेकिन उसमें डामर का कम उपयोग किया।
EOW : इतनी चपत लगाई
मेसर्स एडी कंस्ट्रक्शन के प्रोप्राइटर अनिल दुबे ने दो पैकेज में 36 लाख 31 हजार 302 रुपए के सात फर्जी इनवाइस लगाए। मेसर्स विश्वकुसुम इन्फ्राटेक के अखिलेश मेहता ने आठ पैकेज में 12 करोड़ 7 लाख 13 हजार 583 के 45, मेसर्स वैष्णव एसोसिएट के धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने 12 पैकेज में 23 करोड़ 57 लाख 39 हजार 632 के 42, मेसर्स लाल बहादुर यादव के लाल बहादुर यादव ने दो पैकेज में 79 लाख 94 हजार 821 रुपए के छह, मेसर्स अब्दुल अजीज के प्रोप्रराइटर ने 21 लाख 99 हजार 332 रुपए के तीन फर्जी इनवाइस लगाकर मध्यप्रदेश सडक़ विकास प्राधिकरण से भुगतान प्राप्त किया गया।
EOW : इन कम्पनियों के फर्जी बिल लगाए
आरोपियों ने इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), एस्सार और नायरा कम्पनी के डामर के बिल लगाए थे। राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जांच में खुलासा हुआ कि इन कम्पनियों ने ये बिल जारी नहीं किए हैं।
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