electricity tariff 2025 : बिजली दर (टैरिफ) 7.52 प्रतिशत बढ़ाने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है। उपभोक्ताओं और संगठनों ने मप्र विद्युत नियामक आयोग को ऑनलाइन आपत्ति भेजकर बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की मांग की है। 24 जनवरी तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती हैं। विद्युत नियामक आयोग 11 फरवरी को सुनवाई करेगा।
आयोग को भेजी आपत्तियों में महंगी बिजली खरीदने के प्रस्ताव, स्मार्ट मीटरों की खरीदी के लिए 754 करोड़ का प्रस्ताव और टीओडी टैरिफ को लेकर विरोध दर्ज कराया गया है। वर्ष 2025-26 में बिजली कंपनियों ने बिजली दरें 7.52 फीसदी बढ़ाने की मांग की है। इसके विरोध में अब तक एक दर्जन से अधिक आपत्तियां आयोग के पास आई हैं।
electricity tariff 2025 : स्लैब बदलने का विरोध
राजेश चौधरी ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं पर भार पडेगा। 151 से 300 यूनिट तक के स्लैब को खत्म करने के प्रस्ताव का विरोध किया जाएगा। स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए 754 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अनुचित है। मध्यम वर्ग पहले से ही महंगी बिजली से जूझ रहे हैं।
electricity tariff 2025 : महंगी बिजली
सेवानिवृत्त इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अन्य प्रदेशों की तुलना में यहां महंगी बिजली मिल रही है। ऐसे में दाम कम करने चाहिए। निजी विद्युत कपंनियों से बिजली खरीदी के लिए ज्यादा राशि मांगी जा रही है। बिना बिजली खरीदे 2100 करोड़ के भुगतान का प्रस्ताव है। बिजली कंपनियों की प्रस्तावित याचिका में कई विसंगति हैं।
electricity tariff 2025 : उपभोक्ताओं से दोहरी वसूली
उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने आपत्ति दर्ज की है कि बिजली खरीदी के अलावा बिजली प्रदाय और यूल चार्ज के नाम पर हर माह उपभोक्ताओं से अतिरिक्त राशि ली जा रही है। यह पूरी तरह से गैर कानूनी है। एक ही मामले में दो प्रक्रियाओं से दो बार वसूली विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 61 का खुला उल्लंघन है।
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