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जबलपुर

जबलपुर में पांच हजार जींस की क्षमता वाला डाइंग और वा शिंग प्लांट

जबलपुर गारमेंट क्लस्टर में स्थापना, सीएफसी में आधुनिक मशीनें

जबलपुरOct 28, 2022 / 01:15 pm

gyani rajak

Jabalpur Garment and Fashion Designing Cluster Association

शहर की गारमेंट इंडस्ट्री

जबलपुर. शहर की गारमेंट इंडस्ट्री में जल्द जींस पेंट और शर्ट नए उत्पाद के रूप में शामिल होगा। इस गारमेंट के लिए डाइंग और वाॅशिंग प्लांट की स्थापना रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर में हो चुकी है। कपडे़ में वेल्यू एडीशन के लिए सुविधा केंद्र यानी सीएफसी में मशीनें आ चुकी हैं अब ईटीपी का काम पूरा होते ही यह प्लांट काम करना शुरू कर देंगे। ऐसे में शहर में नए वस्त्र निर्माताओं को उभरने का अवसर मिलेगा। साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ढाई हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
शहर में अभी जींस पेंट-शर्ट का उत्पादन नाममात्र के लिए होता है। इसका बड़ा कारण वेल्यू एडीशन के लिए मशीन और तकनीक की कमी होना है। मोटे कपडे़ वाले जींस पेंट और शर्ट की सिलाई तो आसान है, लेकिन रंगाई-धुलाई के अलावा डिजाइन और इफेक्ट का काम मुश्किल होता है। इसकी मशीनें काफी महंगी होती हैं। लेकिन गारमेंट क्लस्टर में दोनों प्लांट चालू होते ही यह समस्या दूर हो जाएगी। इसका लाभ जबलपुर और महाकोशल के साथ अन्य जिलों के वस्त्र निर्माताओं को मिलेगा।
चार करोड़ रुपए की लागत

लेमा गार्डन में संचालित रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर में चार करोड़ रुपए की लागत से वाॅशिंग और डाइंग प्लांट स्थापित किया गया है। इसकी बिल्डिंग का काम हुए लंबा समय बीत गया है। मशीनें भी आकर रखी हैं। लेकिन इन प्लांट से निकलने वाला रसायनयुक्त पानी को फिल्टर करने का काम जिस ईटीपी प्लांट में होना है, उसका निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। सिविल वर्क हुआ है लेकिन मैकेनिकल साइड में कुछ चीजें पूरी होना बाकी है। इस काम में अभी एक माह का समय लग सकता है।
Jabalpur Garment Cluster
अभी बाहर होती है प्रक्रिया

गारमेंट क्लस्टर के साथ-साथ शहर में कई गारमेंट निर्माता हैं जो कि जींस पेंट और शर्ट बनाना चाहते हैं, लेकिन व्यापक पैमाने पर वाशिंग और डाइंग प्लांट की सुविधा नहीं होने से वे आगे कदम नहीं बढ़ाते हैं। अभी निर्माताओं को इस काम के लिए मुंबई या फिर इंदौर जाना पड़ता है। शहर में यह काम छोटे स्तर पर होता है। लेकिन क्लस्टर का प्लांट बहुत बड़ा है। इसकी क्षमता 5 हजार पीस प्रतिदिन रंगाई और धुलाई की है। यानी महीने में डेढ़ लाख पीस का काम आसानी से हो सकता है।
सीएफसी का होगा उपयोग

वाशिंग और डाइंग प्लांट के अलावा क्लस्टर के कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) में सिलाई और वेल्यू एडीशन के लिए आधुनिक मशीनें लगने जा रही हैं। 60 लाख रुपए से ज्यादा कीमत वाली यह मशीनें जबलपुर गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर एसोसिएशन बुलवा चुका है। इनका इस्तेमाल भी निर्माता कर सकेंगे। उन्हें उनके ऑर्डर के अनुसार यह सुविधा मिलेगी। मशीनों से लेकर प्लांट की बुकिंग की व्यवस्था भी एसोसिएशन का संचालक मंडल बना रहा हैै।
Dyeing and Washing Plant
यह है िस्थति

500 छोटी बड़ी गारमेंट इकाइयां शहर में ।

– 200 इकाइयों की स्थापना अकेेले क्लस्टर में।

– 60 करोड़ से इकाइयां और प्लांट किया तैयार।

– 30 हजार से ज्यादा लोगों को उद्योग से रोजगार।
– 90 प्रतिशत इकाइयों में बनता है सलवार सूट।

– 04 करोड़ की लागत से बने डाइंग-वाशिंग प्लांट।

– 05 हजार पीस प्रतिदिन प्रोसेसिंग की सुविधा।

शर्ट इंडस्ट्री को मिलेगा फायदा
जबलपुर में शर्ट इंडस्ट्री भी उभर रही है। 70 से अधिक शर्ट निर्माता हैं। इनमें कुछ तो ब्रॉन्ड के रूप में प्रसिद्ध हैं। डाइंग और वाशिंग प्लांट का लाभ इस इंडस्ट्री को भी मिलेगा। क्योंकि शर्ट के पीस को तैयार करने के बाद उसकी धुलाई होती हैं। इससे कपड़ा मुलायम होता है। इसकी प्रकार रंगाई भी होती है। यह काम भी प्लांट में होगा। क्लस्टर के पूर्व एमडी श्रेयांस जैन ने बताया कि इन प्लांट को कई प्रकार की संभावनाओं को ध्यान में रखकर स्थापित किया गया है। इसमें होटल, रेलवे और अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले कपड़ों की रंगाई एवं धुलाई का विकल्प भी रहेगा।
वॉशिंग एवं डाइंग प्लांट स्थापित किया जा चुका है। ईटीपी का काम चल रहा है। एक माह में यह पूरा हो जाएगा। इस प्लांट के बनने से जींस कपड़ों का उत्पादन तेज होगा। पेंट एवं शर्ट का वेल्यू एडीशन शहर में हो सकेगा। अभी यह काम बाहर करवाना पड़ता है।
दीपक जैन, एमडी, जबलपुर गारमेंट एंड फैशन डिजाइनिंग क्लस्टर एसोसिएशन

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