scriptइस नदी किनारे डायनासोर के जीवाश्म, अरबों साल पुरानी भू-विरासत, पुल निर्माण से हो रही ख़राब – जानें पूरा मामला | Dinosaur fossils, billions of years old geoheritage, are being damaged by bridge construction | Patrika News
जबलपुर

इस नदी किनारे डायनासोर के जीवाश्म, अरबों साल पुरानी भू-विरासत, पुल निर्माण से हो रही ख़राब – जानें पूरा मामला

इस नदी किनारे डायनासोर के जीवाश्म, अरबों साल पुरानी भू-विरासत, पुल निर्माण से हो रही ख़राब – जानें पूरा मामला

जबलपुरJul 26, 2024 / 12:45 pm

Lalit kostha

lamheta ghat Dinosaur fossils

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जबलपुर. लम्हेटा घाट पर नर्मदा नदी पर पुल निर्माण के खिलाफ दायर याचिका में, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। जनहित याचिका की सुनवाई कार्यवाहक मुय न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की खंडपीठ कर रही है।
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पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता सुबोध रिछारिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि लम्हेटा घाट में लमेटा संरचना शामिल है, जिसे अन्य जीवाश्मों के बीच डायनासोर की एक विशेष प्रजाति लैमेटासॉरस जीवाश्मों का केंद्र बिंदु कहा जाता है। जो पुरातात्विक महत्व का यूनेस्को विरासत स्थल है। इस क्षेत्र में जीवाश्मों का प्रमाण सबसे पहले 1828 में सर विलियम हेनरी स्लीमन द्वारा प्रलेखित किया गया था। दावा किया गया कि लहेटा घाट और आसपास के स्थानों में विलुप्त मैमथ प्रजातियों के कई ऐसे जीवाश्म पाए गए। 2017 में राज्य सरकार ने लहेटा घाट पर नदी पर 49 करोड़ रुपये से पुल बनाने का प्रस्ताव रखा था।
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याचिकाकर्ता के अनुसार, क्षेत्र की पारिस्थितिक संवेदनशीलता के कारण परियोजना रद्द कर दी गई थी। 2019 में अधिकारियों द्वारा पीपापुर में एक वैकल्पिक साइट का चयन किया गया था। लेकिन 2019 में रद्द कर दी गई परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए लम्हेटा और उसके आसपास निजी संपत्तियों का अधिग्रहण करने के लिए कदम उठाए। वहीं, 2022 में भारत का पहला जियोपार्क लम्हेटा में प्रस्तावित किया गया था।
पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान: जनहित याचिका में कहा गया है कि यह परियोजना क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को नुकसान पहुंचाती है। रिछारिया का कहना है कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार की धारा 4 के तहत उल्लिखित ’सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन’ के प्रकाशन और प्रसार की पूर्व शर्तों का पालन नहीं कर लोगों को बेदखल कर दिया है।
कार्रवाई की मांग
विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत संरक्षण, 1972 के यूनेस्को कन्वेंशन के तहत देश के दायित्वों के अलावा लहेटा में पुल के निर्माण के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग या जीएसआई से कोई एनओसी प्राप्त नहीं की गई है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि सरकार पुल के लिए वैकल्पिक स्थल का चयन करे। याचिका में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है, जिन्होंने कथित तौर पर उचित मुआवजे का अधिकार अधिनियम, 2013 और एमपी नगर तथा ग्राम निवेश आदिनियम, 1973 की अवहेलना की है।

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