लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में प्रशासन को अवगत कराया है। जिला प्रशासन को उपयुक्त जगह की तलाश कर सेना को उपलब्ध करानी होगी। गौरतलब है कि फोर लेन निर्माण में सैन्य भूमि आने के कारण करीब 4 किलोमीटर के हिस्से में सड़क निर्माण का कार्य ठप पड़ा है।
10 किमी लंबाई
फोर लेन सड़क का निर्माण 10 किलोमीटर में किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने अपने हिस्से की जमीन पर सड़क तैयार कर ली है।बिजली के पोल खड़े होने के बाद लाइटिंग का कार्य पूरा हो चुका है। वन्य प्राणियों के लिए अंडर पास बनाए गए हैं। मार्किंग का काम बारिश के चलते रुका हुआ है।
तीन साल से अटकी ड्रीम सड़क
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से लेकर डुमना एयरपोर्ट तक बनने वाली फोरलेन सड़क शहर की ड्रीम सड़क में से एक है। वन विभाग और अन्य विभागों से एनओसी मिलने के बाद 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया तो सैन्य प्रशसन ने अंतिम समय पर अड़ंगा लगा दिया। जिसके चलते इस सड़क का काम तीन साल में पूरा नहीं हो सका है।
54 करोड़ रुपए मांगा था मुआवजा
दरअसल सड़क के बीच में सैन्य क्षेत्र की भूमि करीब 3.5 हैक्टेयर है। रक्षा विभाग ने इस भूमि के एवज में लोक निर्माण विभाग से 54 करोड़ रुपए की मांग की थी। इतनी बड़ी राशि देने से लोक निर्माण विभाग ने हाथ खड़े कर दिए थे। विभाग ने कहा था कि फोर लेन का उपयोग आम लोगोे के साथ सेना भी करेगी। रक्षा विभाग ने अब 54 करोड़ की कीमत की जमीन शहर के किसी भी हिस्से में मांगी है।
रक्षा विभाग ने फोरलेन सड़क के लिए जमीन देने पर दूसरी जमीन की मांग की है। निर्धारित मुआवजे की कीमत की जमीन तलाशने का कार्य शासन-प्रशासन स्तर पर किया जाना है। इसे लेकर जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है।
– शिवेंद्र सिंह, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी