ये है पूरा मामला
27 जुलाई को हुए जनपद पंचायत गुन्नौर में उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा ने याचिका में बताया था कि गुन्नौर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष के चुनाव में वो कांग्रेस प्रत्याशी थे और उन्हें 13 वोट मिले थे जबकि बीजेपी समर्थक प्रत्याशी को 12 वोट मिले थे। निर्वाचन के बाद उन्हें निर्वाचन अधिकारी ने जीत का सर्टिफिकेट भी दे दिया था लेकिन इसी बीच बीजेपी समर्थक प्रत्याशी ने एक वोट के बैलेट पेपर पर स्याही बीच में लगी होने की बात कहते हुए कलेक्टर से अपील की थी। जिस पर कलेक्टर ने उस वोट को निरस्त कर दिया था और बराबर वोट होने पर अगले दिन पर्ची डलवाकर चुनाव कराया था जिसमें बीजेपी समर्थक प्रत्याशी की जीत हुई थी और वो उपाध्यक्ष बन गए थे। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कलेक्टर को जमकर फटकार लगाई है कोर्ट ने कहा है कि कलेक्टर ने सत्ताधारी दल के एजेंट के तौर पर काम किया है उन्हें पद से हटा देना चाहिए।
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अरुण यादव ने हाईकोर्ट की टिप्पणी का वीडियो किया शेयर
वहीं हाईकोर्ट के पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा को फटकार लगाए जाने के बाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर पंचायत चुनाव में धांधली करने का आरोप अफसरों पर लगाते हुए भाजपा पर भी हमला बोला है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा- आज हाईकोर्ट ने पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा को फटकार लगाते हुए कहा कि पन्ना कलेक्टर ने सत्ताधारी पार्टी के एजेंट की तरह काम किया, इन्हें पद से हटाया जाए । कांग्रेस पार्टी लगातार यही बात कर रही थी कि कलेक्टर भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर कार्य कर रहे है ।