जबलपुर। शहर में कुछ दुकानों में कोल्ड ड्रिंक के नाम पर जहर बेचा जा रहा है। ग्राहकों को एक्सपायर हो चुकी कोल्ड ड्रिंक की बोतले डेट बदलकर बेची जा रही है। खाद्य एवं औषधि विभाग की कार्रवाई में एक्सपायरी डेट की कोल्ड ड्रिंक की बोतलों पर तारीख बदलकर उन्हें बेचने का खुलासा हुआ है। विभाग की कार्रवाई में जब्त सैम्पलों की जब जांच करवाई गई तो शहर में बेचे जा रहे पेय पदार्थों की असलियत सामने आ गई। वहीं, इन कोल्ड ड्रिंक के सेवन से ग्राहकों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पडऩे की आशंका है।
एजेंसी में छापे में मिली थी पुरानी बोतले नामी कंपनियों के पेय पदार्थों की एसडी ट्रेडर्स के नाम से एजेंसी संचालित करने वाले मनीष बंसल के यहां पर खाद्य एवं औषधि विभाग ने छापा मारा था। जांच में पाया गया कि पाटन बायपास स्थित एजेंसी में मशीनों के जरिए एक्सपायरी डेट की कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों पर अंकित पुरानी तारीख मिटाकर उस पर नई डेट डाली जाती थी।
जांच में पीने योग्य नहीं मिले कोल्ड ड्रिंक एजेंसी में की गई जांच में अधिकारियों को ड्रिंक्स की क्वालिटी पर संदेह हुआ। इसके बाद तीन प्रकार के पेय पदार्थों के सैम्पल लेकर जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोग शाला भेजा थे। इनमें पेप्सी, माउटेन ड्यू एवं मेंगो सिप के सैम्पल शामिल हैं। इसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो गया कि जब्त सैम्पल पीने योग्य नहीं है। सैम्पल फेल होने के साथ ही ये बात भी उजागर हुई कि नामी कंपनियों की एजेंसी व डिस्ट्रीब्यूटरशिप से लेकर लोकल स्तर पर पेय पदार्थों की एक्सपायरी डेट बदलकर उसे बेचने का खेल खुलकर चल रहा है।
3 साल पुरानी बोतले मिली खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी अमरीश दुबे के अनुसार, जो नमूने फेल हुए हैं उन पर पैकिंग डेट तो नई डाल दी गई थी, लेकिन उनकी एक्सपायरी डेट दो से तीन साल पहले ही समाप्त हो चुकी थी। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार पुराने माल को नया बताकर मार्केट के जरिए ग्राहकों को बेचा जा रहा था। इसी के चलते कई बार पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे है।
ढाई सौ कैरेट पुरानी पैक्ड बोतल जब्त विभाग ने गर्मियों के दौरान इसी वर्ष जून महीने में एजेंसी पर छापे की कार्रवाई की थी। उस दौरान डेट बदलने के लिए ऑटोमेटिक मशीन और बड़ी मात्रा में स्टॉक जब्त किया गया था। अधिकारियों ने पेप्सी, माउनटेन ड्यू और मेंगो सिप की तकरीबन ढाई सौ कैरेट बराबद किए थे। बता दें कि एक कैरेट में 12 बॉटल रखी जाती हैं।
थिनर से पुरानी डेट मिटाकर मशीन से दर्ज करते थे नई तारीख खाद्य अधिकारियों के अनुसार, एक्सपायरी डेट की बोतलों पर अंकित तारीख को थिनर के जरिए मिटाया जाता था। इसके बाद मशीन के जरिए बॉटल पर नई डेट प्रिंट की जाती थी, जो कि काले रंग से अंकित होती थी। जानकारों की मानें तो बॉटल के उपरी हिस्से पर प्रिंट की गई इस डेट को पहचानना मुश्किल होता है, क्योंकि यह बिल्कुल वैसी ही दिखती है जैसी कंपनी से पैकेजिंग के वक्त डेट एवं टाइम डाला जाता है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो अमूमन एक्सपायरी डेट देखे बिना ही पेय पदार्थ खरीदते हैं।
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