सीजे के घर डिनर
एयरपोर्ट के लाउंज मंे वरिष्ठ अधिवक्ताओं के संगठन मप्र एडवोकेट्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता टीएस रूपराह, पदाधिकारियों व अन्य अधिवक्ताओं ने सीजेआई मिश्रा का भावभीना स्वागत किया। वहां से जस्टिस मिश्रा सर्किट हाउस क्रमांक एक पहुंचे। उनका शुक्रवार को कोई औपचारिक अधिकृत कार्यक्रम नहीं है। इसके बावजूद एक अनौपचारिक कार्यक्रम के तहत रात्रि नौ बजे सीजेआई मिश्रा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता के निवास सिविल लाइंस पहुंचे। वहां उन्होंने रात्रिभोज किया। इसके बाद वे रात्रिविश्राम के लिए वापस सर्किट हाउस लौट गए।
जीएसटी पर राष्ट्रीय सेमीनार
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल फहीम अनवर ने बताया कि जस्टिस मिश्रा 2 दिसंबर की सुबह 9.45 बजे टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा तरंग प्रेक्षागृह में जीएसटी, अन्य प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों पर आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन करेंगे। सेमीनार में पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गुप्ता विशिष्ट अतिथि होंगे।
ज्यूडीशियल एकेडमी का उद्घाटन
दो दिसंबर को दोपहर 12 बजे जस्टिस मिश्रा डुमना रोड पर गधेरी के समीप बनने जा रहे मप्र स्टेट ज्यूडीशियल एकेडमी का भूमिपूजन करेंगे। शाम 4 बजे से हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन द्वारा कोर्ट के ओवल लॉन में आयाजित अभिनंदन समारोह में सीजेआई मिश्रा का अभिनंदन किया जाएगा।
जबलपुर से गहरा नाता
जस्टिस मिश्रा का मप्र से गहरा नाता है। जन्म 3 अक्टूबर 1953 को उड़ीसा में जन्मे जस्टिस मिश्रा ने 14 फरवरी 1977 से वकालत आरंभ की। 16 जनवरी1996 को वे उड़ीसा हाईकोर्ट में जज नियुक्त हुए। 19 दिसंबर 1997 को उनका स्थानांतरण मप्र हाईकोर्ट हुआ। उन्होंने एमपी हाई कोर्ट में 12 साल (1997 से 2009) तक जज के रूप में सेवाएं दीं। जस्टिस मिश्रा 2004-05 में दो बार इंदौर में रोस्टर पर रहे। 2008 में भी वे नेशनल लोक अदालत के लिए जबलपुर से इंदौर आए थे। मप्र हाईकोर्ट में प्रशासनिक न्यायाधीश रहते हुए उन्हें 23 दिसंबर 2009 को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। 24 मई 2010 को वे दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्त हुए। 10 अक्टूबर 2011 को वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाघीश के रूप में पदोन्नत किए गए। सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल अक्टूबर 2018 तक रहेगा।