बच्चे यह स्पीच बोलें –
पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम देश में सम्मान के साथ लिया जाता है। वह केवल प्रथम प्रधानमंत्री ही नहीं थे बल्कि आजादी की लड़ाई में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। ऐसे में उनके योगदान को भुलाना आसान नहीं है। बाल दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि उन्हें हम उनके जन्म उत्सव पर याद करते हैं। ताकि उनके प्रति हमारा सम्मान और आने वाली पीढ़ियों को उन्हें जानने का मौका मिलता रहे। इस में शिक्षकों की भूमिका बहुत जरूरी है। वह हमें आजादी की सच्ची घटनाएं और हकीकत से रुबरु कराते हुए हमें अपने इतिहास से जुड़े रखने में मदद करती हैं। साथ ही हमें इतिहास पुरुषों से भी या कहें ऐतिहासिक हस्तियों से परिचय कराती है।
टीचर यह बोलें –
बच्चों को चाहिए कि समय के साथ आधुनिकता की दौड़ में दौड़ें लेकिन अपनी सभ्यता और संस्कृति के साथ इतिहास को भी याद रखें। आज इंटरनेट के माध्यम से वे दुनिया भर की जानकारी एक क्लिक में ले सकते हैं। लेकिन उसे करीब से जानने के लिए पढ़ना होगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वह केवल चाचा नेहरू ही नहीं खिलाए बल्कि उन्होंने विश्व इतिहास की झलक दिखाने के लिए भारत एक खोज पुस्तक भी लिखी। जो आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी 70 साल पहले थी। उनके द्वारा भारतीय संस्कृति का उदय और आजादी की लड़ाई तक की बात एक किताब में बताई गई है। बच्चों को चाहिए उनके जीवन का अनुसरण करें उनकी बातों पर चलें और प्रेरणा लें। हम देश के प्रति समर्पित होकर अपना जीवन निर्वाह करेंगे साथ ही इस देश को दुनिया का चमकता हुआ तारा बनाएंगे।