जयपुर से अलवर तक फैला नेटवर्क
गूगल-पे, पेटीएम वॉलेट से जानकारी प्राप्त कर निरीक्षक विपिन ताम्रकार, एसआई श्वेता सिंह, आरक्षक अजीत गौतम, आसिफ खान, आशीष पटेल व अमित गुप्ता की टीम को मामले की जांच में लगाया गया। टीम ने राजस्थान के जयपुर से सोडाला निवासी गजेंद्र सिंह चम्पावत (29) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में गजेंद्र ने बताया कि वह अलवर के कुछ लोगों के साथ मिलकर ओएलएक्स, फेसबुक, क्वीकर पर रजिस्ट्रेशन कर आर्मी जवान बनकर सामान बेचने का झांसा देकर ठगी करते हैं।
ठगी के लिए ये अपनाते हैं तरीका
-सेना के प्रति लोगों के विश्वास को ठगी का हथियार बनाते हैं
-सेकेंडहैंड गाडिय़ों को ट्रांसफर के नाम पर सस्ते में बेचने का विज्ञापन देकर झांसे में फंसाते हैं
-ये आर्मी के जवानों के पहचान पत्र, मेस कार्ड आदि भेजते हैं
-गाड़ी का रजिस्टे्रशन, लाइसेंस आदि असली होता है, जिससे ट्रांसपोर्ट विभाग की वेबसाइट पर चेक करने पर सही दिखे।
-आर्मी एरिया होने का हवाला देते हुए गाड़ी का भौतिक सत्यापन नहीं कराते
-झांसे में फंसे व्यक्ति को आर्मी के ट्रांसपोर्ट विभाग का फर्जी दस्तावेज भेजते हैं
-ट्रांसपोर्ट, रजिस्ट्रशेन और एडवांस के नाम पर रकम जमा करा लेते हैं