ओमती पुलिस ने बताया कि शीतलामाई निवासी महेंद्र श्रीवास के पिता विजय कुमार श्रीवास को 23 मार्च, 2021 को सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सीटी स्केन के बाद अस्पताल के डॉ. प्रदीप पटेल ने उन्हें कोविड पॉजिटिव बताया। 10 अप्रेल 2021 को उन्हें अस्पताल से जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। घर पर तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 13 अप्रेल 2021 को फिर से सिटी अस्पताल ले जाया गया। वहां आइसीयू फर्स्ट ट्रामा में भर्ती किया गया। उन्हें सात रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए, लेकिन वे स्वस्थ नहीं हुए। इसके 30 घंटे बाद ही उन्हें कार्डिक बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया गया। तीन मई 2021 को उनकी मौत हो गई।महेंद्र के मुताबिक उनके पिता को जब पहली बार सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब उसने फाइल देखी, तो उसमें पिता के नाम की फाइल में अन्य मरीजों के नाम की जांच रिपोर्ट लगी थी। उसके आधार पर पिता को दवाएं दी जा रही थीं।
वॉट्सऐप कर दिया जाता था प्रिस्क्रिप्शन महेंद्र ने परिवाद में आरोप लगाया कि कोविड पॉजिटिव मरीजों से मिलने नहीं दिया जाता था। उनके परिजन को वॉट्सऐप पर दवाएं लिखकर भेज दी जाती थी। किसी को यह भी नहीं पता था कि दवा मरीज को दी जा रही हैं या नहीं? महेंद्र के अनुसार जिस दिन वह पिता को भर्ती करने के लिए सिटी अस्पताल गया था, उस वक्त अभिषेक ने उससे तीन लाख रुपए मांगे थे।
सामान्य मरीजों के साथ कोविड के मरीज सोनिया खत्री, अभिषेक चक्रवर्ती, डॉ. प्रदीप पटेल और सरबजीत सिंह मोखा की मीटिंग के बाद से आइसीयू फर्स्ट ट्रांमा में कोविड मरीजों को नान कोविड मरीजों के साथ एडमिड कराना चालू किया जाने लगा। महेंद्र ने विरोध किया, तो सोनिया और अभिषेक ने उसे बाद में देख लेने की धमकी दी।
सिटी हास्पिटल के संचालक सरबजीत मोखा, डॉ. प्रदीप पटेल, मैनेजर सोनिया खत्री, और सीईओ अभिषेक चक्रवर्ती के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 201, 274, 275, 304, 420, 467, 468, 471, 34, 120 बी, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, तीन महामारी अधिनियम व 5/13 ड्रग्स कंट्रोल अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया है।
प्रफुल्ल श्रीवास्तव, थाना प्रभारी, ओमती