यहां कार्रवाई नहीं इधर, दुकानदारों द्वारा फर्जी आईएसबीएन नंबर की किताबें बेचे जाते हुए पकड़े जाने के बावजूद कार्रवाई में देरी सवालों में आ गई है। उल्लेखनीय है कि प्रशासन ने जांच के दौरान 20 हजार फर्जी आईएसबीएन नंबर वाली किताबों को जब्त किया था।
टीम ने किताबें खरीदीं एनसीईआरटी नई दिल्ली के व्यापार प्रबंधक भूपेन्द्र सिंह और सहायक उत्पादन अधिकारी दीपक जयसवाल को जानकारी मिली थी कि सेन्ट्रल बुक डिपो और विनय पुस्तक सदन द्वारा एनसीईआरटी की डुप्लीकेट किताबें महंगे दामों मे बेची जा रही है। सूचना पर दोनों अधिकारी गुरुवार को शहर आए। दुकानों से एनसीईआरटी की कक्षा नवीं की कई किताबें खरीदीं। जब उनकी जांच की गई, तो वे डुप्लीकेट निकली। कई किताबों में मूल्य भी अधिक था। अधिकारियों को दोनों दुकानदारों ने बिल भी दिए। इसके बाद दोनों अधिकारियों ने लार्डगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने दुकान में छापामार शैली में दबिश देकर एनसीईआरटी की कई किताबें भी जब्त किया। एसआई सतीष झारिया ने बताया दुकान संचालकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया।