युगलपीठ ने आयोग के जवाब को रिकॉर्ड पर लेकर राज्य शासन को जवाब पेश करने के निर्देश दिए। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया है। मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने याचिका दायर कर बताया था कि राज्य सरकार और राज्य सूचना आयोग में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आवेदन, शिकायतें एवं अपील ऑनलाइन प्रस्तुत करने की सुविधा नहीं है।
ऐसे में आवेदकों को जानकारी प्राप्त करने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटना पड़ते हैं। उन्होंने दलील दी कि सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई जानकारी मांगे जाने पर 48 घण्टे के भीतर उपलब्ध कराई जानी चाहिए। मध्यप्रदेश में आवेदन व अपीलों की व्यवस्था ऑनलाइन नहीं होने से इस प्रावधान का पालन नही हो रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार और अन्य राज्य लंबे समय से आरटीआई ऑनलाइन की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। जबकि मध्यप्रदेश में यह व्यवस्था नहीं है। हाई कोर्ट के नोटिस पर आयोग ने जवाब देकर ऑनलाइन व्यवस्था किए जाने की जानकारी दी है।