नकली इंजेक्शन की तलाश में जुटी एसआइटी ने सोमवार सुबह-सुबह लोहिया पुल के पास पचपेढी स्थित मोखा के घर दबिश दी। इस दौरान पता चला कि मोखा ने 125 से ज्यादा नकली इंजेक्शन को नौकरों से तुड़वाकर घर के बाहर नाले में फिंकवा दिया था। इंजेक्शन की शीशियों में तोड़फोड़ के प्रमाण मिले हैं। नकली इंजेक्शन के प्रमाण मिटाने में मोखा की पत्नी और उसके बड़े बेटे हरकरण का भी नाम सामने आया है। हरकरण अभी लापता है, जिसकी तलाश में एसआइटी संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नकली इंजेक्शन कांड में मोखा की पत्नी और उसके बेटे को आरोपी बनाया जाएगा। सिटी हॉस्पिटल से जिस बैग में नकली इंजेक्शन भरकर मोखा अपने घर ले गया था, उसे जब्त कर लिया गया है।
सिटी हॉस्पिटल से जब्त दस्तावेजों की जांच में यह भी पता चला है कि अस्पताल प्रबंधन ने सबूत मिटाने के लिए उनमें छेड़छाड़ की। कोरोना संक्रमित कई मरीजों के उपचार संबंधी दस्तावेजों में बड़ी सावधानी से रेमडेसिविर इंजेक्शन के उपयोग को मिटाने की कोशिश की गई। ऐसे तमाम दस्तावेज एसआईटी ने जब्त किए हैं जिनमें छेड़छाड़ करने के प्रमाण मिले हैं। ये सारी कवायद गुजरात पुलिस के नकली इंजेक्शऩ प्रकरण में सपन जैन की गिरफ्तारी के बाद हुई है।
एसआइटी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना मरीजों को नकली इंजेक्शन लगने के बाद एलर्जी हुई थी। अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने प्रबंधन से इस बात की शिकायत की थी जिसके बाद इंजेक्शन का उपयोग मरीजों पर बंद कर दिया गया था। ऐसे में एसआईटी 20 अप्रैल से एफआइआर दर्ज होने तक कोरोना के जितने मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए थे, उनके अलावा इंजेक्शन लगने से हुई एलर्जी वाले मरीजों को इस घटना में गवाह बनाने की तैयारी में है।
“नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की विवेचना में हर पहलू का ध्यान रखा जा रहा है। घटना से जुड़े तमाम सबूत जुटाए जा रहे हैं। सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोखा की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी। मोखा के घर दबिश में कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं।”-सिद्धार्थ बहुगुणा, पुलिस अधीक्षक