गरम फिर, ठंडा किया जाएगा बम
इस बम की ढलाई के अलावा बम के हीट ट्रीटमेंट मशीन के लिए टेंडर हो चुके हैं। जानकारों ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत बम बॉडी को पहले उच्च तापमान पर गरम किया जाता है, फिर माइनस डिग्री पर ठंडा किया जाता है। यह परीक्षण इसलिए जरूरी होता है, क्योंकि फाइटर प्लेन से इसे जमीन पर छोड़ा जाता है, तो लॉन्चर से काफी गर्माहट पैदा होती है। हर मौसम में यह काम करे, इस स्थिति में भी यह प्रक्रिया कारगर होती है।
बाहर जाने की झंझट से मुक्ति
यहां पर मशीनिंग की सुविधा भी विकसित की जाएगी। मशीनिंग ढलाई के बाद की प्रक्रिया है। ढलाई में बम का आकार ऐसा नहीं होता कि सीधे उसमें बारूद की फिलिंग की जाए। इसके लिए बम बॉडी की मशीनिंग की जाती है। यह सुविधा अभी फाउंड्री के पास नहीं है। आयुध निर्माणी मुरादनगर एवं नागपुर की एक निजी फर्म पर इस काम के लिए निर्माणी निर्भर रहती है। इसलिए यह मशीन भी यहां लाई जा रही है।
वायुसेना के लिए 250 किग्रा बम प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहे हैं। इसकी ढलाई के साथ मशीनिंग व दूसरी सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
– अजय सिंह, महाप्रबंधक जीआइएफ